नई दिल्ली, 26 अगस्त : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को जीएसटी सुधारों की बात की थी। उन्होंने कहा था कि वह दिल्ली वालों को दोहरा तोहफा देने जा रहे हैं। अब जीएसटी में सिर्फ दो स्लैब यानी 5% और 18% रहने की उम्मीद है। क्योंकि मंत्रिसमूह की बैठक में 12% और 28% जीएसटी स्लैब (New GST 2.0 Rates) को खत्म करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है। अब ब्रोकरेज फर्म एंबिट कैपिटल (Ambit Capital Report GST 2.0) ने इस संबंध में एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के जरिए फर्म ने यह बताने की कोशिश की है कि आम लोगों की जरूरतों से जुड़े सामान कितने सस्ते होंगे।
जीएसटी सुधार के बाद कई चीज़ें सस्ती हो जाएँगी। रेफ्रिजरेटर, टीवी, एसी, जूते और कपड़े समेत कई ज़रूरी चीज़ों को किस स्लैब में रखा जाएगा? एक ब्रोकरेज़ फर्म ने इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। अगले महीने 3 और 4 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की बैठक होने वाली है। इसमें कई बड़े फैसले लिए जाएँगे। जीएसटी काउंसिल तय करेगी कि किन वस्तुओं को किस स्लैब में रखा जाएगा।
क्या सस्ता होगा?
अगर जीएसटी परिषद अपनी बैठक में मंत्रियों के समूह (जीओएम) द्वारा 12% और 28% के स्लैब को खत्म करने की मंजूरी दे देती है, तो ज़्यादातर चीज़ें सस्ती हो जाएँगी। इनमें कुछ प्रमुख वस्तुएँ भी शामिल हैं जो सस्ती हो जाएँगी। उदाहरण के लिए, पैकेज्ड डेयरी उत्पादों पर अभी 12% जीएसटी लगता है। लेकिन अगर कोई सुधार होता है, तो वह 5% के स्लैब में आ जाएगा।
स्वास्थ्य बीमा भी सस्ता हो जाएगा।
कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि स्वास्थ्य बीमा भी सस्ता हो जाएगा। इसे जीएसटी से बाहर रखा जा सकता है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर बड़ा फैसला हो सकता है।
सरकार को नुकसान हो सकता है।
प्रस्तावित जीएसटी सुधारों से केंद्र और राज्य सरकारों को 0.7-1.8 ट्रिलियन रुपये का राजस्व नुकसान होने की उम्मीद है।
दूसरी ओर, पीएल कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर जीएसटी में कोई बदलाव नहीं होगा। हालाँकि, विभिन्न फर्मों ने इसी के अनुसार रिपोर्ट प्रकाशित की हैं। लेकिन जीएसटी परिषद की बैठक के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि क्या सस्ता होगा और क्या महंगा।
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