चंडीगढ़, 5 सितंबर : पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री स. हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि राज्य में आई भीषण बाढ़ से अब तक 22 जिलों के 1902 गांव और 3.84 लाख से अधिक आबादी प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि 29 नए राहत कैंप स्थापित करने के बाद कुल 196 कैंप अलग-अलग स्थानों पर चल रहे हैं, जहां 6755 लोगों को ठहराया गया है। मंत्री मुंडियां ने कहा कि बाढ़ से 1.71 लाख हेक्टेयर से अधिक फसलें बर्बाद हुई हैं। सबसे अधिक नुकसान गुरदासपुर (40,169 हेक्टेयर), अमृतसर (26,701), फिरोज़पुर (17,221), फाजिल्का (17,786) और कपूरथला (17,807 हेक्टेयर) में हुआ है।
बाढ़ पीडि़तों के साथ पंजाब सरकार : मंत्री मुंडियां
अधिक जानकारी साझा करते हुए राजस्व मंत्री ने बताया कि अब तक बाढ़ प्रभावित इलाकों से 20,972 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इनमें गुरदासपुर के 5581 व्यक्ति, फिरोज़पुर के 3804, फाजिल्का के 3032, अमृतसर के 2734, पठानकोट के 1139, होशियारपुर के 1615, कपूरथला के 1428, जालंधर के 511, बरनाला के 539, मानसा के 178, मोगा के 145, रूपनगर के 245 और जिला तरनतारन के 21 व्यक्ति शामिल हैं।
43 लोगों की मौत, 20 हज़ार से ज़्यादा लोगों को बचाया गया
राजस्व मंत्री ने बताया कि अब तक 43 लोगों की मौत बाढ़ के कारण हो चुकी है। इनमें सबसे अधिक मौतें होशियारपुर (7) और पठानकोट (6) में हुई हैं। बरनाला और अमृतसर में 5-5, लुधियाना और बठिंडा में 4-4, मानसा में 3 और अन्य जिलों में भी जानें गई हैं। इसके अलावा, अब तक 20,972 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
राहत कार्यों में NDRF, SDRF और सेना की टीमें तैनात
उन्होंने बताया कि राहत कार्यों के लिए अब तक 31 NDRF टीमें और SDRF की टीमें विभिन्न जिलों में लगाई गई हैं। साथ ही, सेना, नौसेना और वायु सेना की 28 टुकड़ियां भी राहत कार्यों में जुटी हैं। प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित निकालने और मदद पहुंचाने के लिए 35 हेलीकॉप्टर और 134 नावें भी तैनात की गई हैं।
सबसे ज़्यादा प्रभावित जिले
- गुरदासपुर – 329 गांव, 1.45 लाख आबादी प्रभावित
- अमृतसर – 190 गांव, 1.35 लाख आबादी प्रभावित
- फिरोज़पुर – 102 गांव, 38,594 लोग प्रभावित
- फाजिल्का – 77 गांव, 24,212 लोग प्रभावित
स. मुंडियां ने कहा कि सरकार राहत कार्यों को तेज़ी से चला रही है और प्रभावित लोगों तक हर संभव मदद पहुंचा रही है। फसलों के नुकसान के बारे में जानकारी देते हुए श्री हरदीप सिंह मुंडियां ने कहा कि प्रदेश के 18 जिलों में खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि अकेले गुरदासपुर में 40,169 हेक्टेयर फसली रकबे का नुकसान हुआ है।
इसके बाद अमृतसर (26,701 हेक्टेयर), फाजिल्का (17,786), फिरोज़पुर (17,221), कपूरथला (17,807), तरन तारन (12,828), मानसा (11,042), संगरूर (6560), होशियारपुर (8322), जालंधर (4800), एस.ए.एस. नगर (2000), पठानकोट (2442), मोगा (2240), पटियाला (600), बठिंडा (587), एस.बी.एस. नगर (362), रूपनगर (300) और लुधियाना (32 हेक्टेयर) में फसलें बर्बाद हो गई हैं।
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