जालंधर, 10 अप्रैल : महानगर के निकटवर्ती गांव रंधावा मसंदां में जन्मे और आईआईटी रुडक़ी से 34 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए वैज्ञानिक ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज बाणी, इसके रचनाकारों, उनके समय काल, रागों और उनकी बाणी किस अंग पर दर्ज की गई, इस पर शोध करने की नई पहल की है।
ये विद्वान हैं डॉ. गुरशरण सिंह रंधावा, जिन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद गुरु ग्रंथ साहिब का अध्ययन करने के अलावा इसमें निहित बाणी, बाणी के रचयिताओं, गुरुओं, भगतों, भट्टों व अन्य महापुरुषों पर इतनी गहनता से शोध की है कि उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए एक चार्ट तैयार किया है, जिसे ‘सत्य, धैर्य और विचार’ नाम दिया गया है, जो श्री गुरु ग्रंथ साहिब के बारे में जानकारी की एक पट्टिका है, जो विद्वानों के साथ-साथ आम श्रद्धालुओं के लिए भी एक अमूल्य निधि बन गई है। डॉ. गुरु ग्रन्थ साहिब के प्रति पूर्ण श्रद्धा रखते हैं।
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