शिमला, 23 दिसम्बर : इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला में डॉक्टरों और मरीज के बीच हुई झड़प के मामले में, हमलावर डॉक्टर के अलावा एक अन्य डॉक्टर पर भी आरोप लगाया गया है। पुलिस ने जांच तेज कर दी है। जांच एसएसपी स्तर के अधिकारी को सौंप दी गई है। इस बीच, पुलिस ने डॉक्टर की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, डॉक्टर की शिकायत पर अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। सोमवार रात को पुलिस ने मरीज की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया।
यह मामला नंद लाल के पुत्र अर्जुन सिंह, निवासी ग्राम मशोट, पोस्ट ऑफिस जुबली, तहसील कुपवी, जिला शिमला (हिमाचल प्रदेश) के बयान के आधार पर दर्ज किया गया है, जिनकी उम्र 36 वर्ष है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि फेफड़ों में संक्रमण के इलाज के लिए उन्हें आईजीएमसी शिमला में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को चिकित्सा जांच के बाद उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी, जिसके चलते उन्हें पल्मोनरी वार्ड के बेड नंबर 8 पर करीब दो घंटे तक निगरानी में रखा गया। इसी दौरान डॉ. राघव नरूला अन्य डॉक्टरों के साथ उनके पास पहुंचे।
दूसरे डॉक्टर ने उसके पैर पकड़ लिए थे।
आरोप है कि डॉक्टर नरूला ने उनके इलाज और भर्ती पर अपशब्दों का प्रयोग करते हुए सवाल उठाए और उन्हें गालियां देना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने पीड़िता के चेहरे और शरीर पर घूंसे मारे, जबकि दूसरे डॉक्टर ने उनके पैर पकड़ लिए। इस हमले में पीड़िता की नाक से खून बहने लगा। पीड़िता का आरोप है कि दोनों डॉक्टरों द्वारा किए गए इस कथित हमले से न केवल उन्हें चोटें आईं, बल्कि उनकी जान और सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो गया। पुलिस भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामले की जांच कर रही है।
मेडिकल स्पेशल वार्ड में डॉक्टरों की भर्ती
इस मामले में आरोपी डॉक्टर को फिलहाल आईजीएमसी के मेडिकल स्पेशल वार्ड में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि उनका मानसिक तनाव और झगड़े के दौरान लगी चोटों का इलाज चल रहा है।

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