November 20, 2025

फ्रांस की आनाकानी, अब भारत पुराने दोस्त रूस से खरीदेगा एस.यू.-57

फ्रांस की आनाकानी, अब भारत...

मास्को/पेरिस, 26 मई : लगता है फ्रांस और भारत के बीच राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा अब आगे नहीं बढ़ पाएगा। इसकी वजह भी फ्रांस का अडिय़ल रवैइया ही है। दरअसल फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन राफेल लड़ाकू विमान का ‘सोर्स कोड’ भारत को सौंपने के लिए तैयार नहीं है। जिसकी वजह से माना जा रहा है कि भारत आगे फ्रांसीसी फाइटर जेट नहीं खरीदेगा। पाकिस्तान से हालिया संघर्ष के बाद भारत की कोशिश राफेल लड़ाकू विमानों में अपने स्वदेशी मिसाइलों को इंटीग्रेट करने की है।

इससे पहले भी भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान इंजन ‘कावेरी’ के लिए जब फ्रांसीसी कंपनी ने भारत की मदद नहीं की थी तो भारत ने अपने आजमाए हुए दोस्त रूस का रूख किया था। आज की तारीख में कावेरी टर्बोफैन इंजन का टेस्ट रूस में इल्यूशिन 11-76 एयरक्राफ्ट में लगाकर किया जा रहा है।

रूस भारत को टेक्नालॉजी देने को तैयार

अगर फ्रांस भारत के साथ राफेल लड़ाकू विमान का सोर्स कोड शेयर नहीं करता है तो बहुत उम्मीद है कि भारत, रूसी लड़ाकू विमान एसयू-57 खरीद सकता है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एस.यू-57 लड़ाकू विमान की टेक्नोलॉजी भारत के साथ शेयर करने के लिए तैयार हैं। एस.यू-57 लड़ाकू विमान बनाने वाली रूसी कंपनी कई बार सार्वजनिक तौर पर कह चुकी है कि वो ना सिर्फ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए तैयार है, बल्कि भारत में फिफ्थ जेनरेशन लड़ाकू विमान बनाने के लिए तैयार है। ओपन मैग्जीन ने दावा किया है कि भारत ने हालिया समय में फ्रांस के साथ 26 राफेल मरीन के लिए जो सौदा किया है, उसपर भी पुनर्विचार कर रहा है।

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