November 21, 2025

हाईकोर्ट का ग्रीन पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिका में हस्तक्षेप से इनकार

हाईकोर्ट का ग्रीन पटाखों की बिक्री पर...

चंडीगढ़, 17 अक्तूबर : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने ग्रीन पटाखों की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि ग्रीन पटाखों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ टिप्पणी की, ‘व्यापार पर रोक लगाई जा सकती है, लेकिन पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।’

लाइसेंस जितने कम होंगे प्रदूषण भी कम होगा

हाईकोर्ट ने साफ कहा कि नीतिगत मामलों में अदालत का हस्तक्षेप सीमित है। कोर्ट ने पंजाब सरकार को अस्थायी लाइसेंसों की संख्या निर्धारित सीमा के केवल 20% तक सीमित करने पर जवाब दाखिल करने का भी आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि अस्थायी लाइसेंस जितने कम होंगे, शहर के लिए उतना ही बेहतर होगा और प्रदूषण भी कम होगा।

मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति संजीव बेरी की खंडपीठ ने जालंधर फायरवर्क्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें तर्क दिया गया था कि ग्रीन पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (जी) के तहत गारंटीकृत व्यवसाय करने के उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है।

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘यह नीतिगत मामला है और अदालतें आमतौर पर ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करतीं। सवाल यह है कि क्या सीमा 20% पर रखी जाए, या बढ़ाकर 30% या 40% की जाए। क्या हमें हस्तक्षेप करना चाहिए?’ उन्होंने कहा कि इन फैसलों का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण सुनिश्चित करना है।

गौरतलब है कि 2017 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर एक अंतरिम आदेश जारी किया था, जिसमें पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ प्रशासन को 2016 में जारी किए गए आंकड़े के केवल 20% तक सीमित नए अस्थायी लाइसेंस जारी करने का निर्देश दिया गया था।

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