चंडीगढ़, 6 दिसम्बर : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कई जिलों में न्यायिक अधिकारियों और अदालतों के लिए स्थायी आवास की कमी पर कटाक्ष किया। पंजाब सरकार ने कहा कि फिलहाल जजों के लिए किराए के आवास की व्यवस्था की जा रही है। कोर्ट ने कहा कि जजों के लिए स्थायी आवास की जरूरत होती है, अगर जज किराए पर रह सकते हैं, तो आपके अधिकारी वहां क्यों नहीं रह सकते। कोर्ट ने कहा कि आप अपने अफसरों से मकान खाली कराकर उन्हें किराए पर भेज दीजिए, अगर जज किराए पर रह सकते हैं तो आपके अफसर क्यों नहीं।
स्थायी आवास की कमी पर हाईकोर्ट की नाराज़गी
इन टिप्पणियों के साथ हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें उसने मलेरकोटला के डीसी और एसएसपी के आवास खाली करने के आदेश में संशोधन की मांग की थी। शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब की ओर से अदालत को बताया गया कि मलेरकोटला में दो नए कोर्ट रूम बन गए हैं और फैमिली कोर्ट का काम शुरू हो गया है।
डीसी-एसएसपी आवास को कोर्ट रूम बनाने पर आपत्ति
उन्होंने बताया कि न्यायिक आवास के नए नक्शे बिल्डिंग कमेटी को भेज दिए गए हैं और मंज़ूरी का इंतज़ार है। साथ ही, पीडब्ल्यूडी की तकनीकी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि डीसी गेस्ट हाउस और एसएसपी आवास कोर्ट रूम में तब्दील करने के लिए सुरक्षित नहीं हैं।
पंजाब सरकार ने डीसी और एसएसपी आवास खाली कराने में आ रही दिक्कतों का हवाला देते हुए कहा कि वहां पुलिस कंट्रोल रूम और दफ्तर चल रहे हैं, जिन्हें हटाना आसान नहीं है। कोर्ट को बताया गया कि जजों के रहने के लिए कूल रोड पर मकान बनाने का फैसला हुआ है। कोर्ट ने पूछा कि तब तक जज कहां रहेंगे, जिस पर पंजाब सरकार ने कहा कि उनके लिए किराए के मकान का इंतजाम कर दिया गया है।
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