November 20, 2025

यमुना मुद्दे को भुनाने वाली भाजपा की सरकार में कितनी स्वच्छ हुई यमुना?

यमुना मुद्दे को भुनाने वाली भाजपा...

नई दिल्ली, 23 मई : मई के महीने में यमुना नदी की स्थिति और भी गंभीर हो गई है, जैसा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डी.पी.सी.सी.) की हालिया रिपोर्ट में दर्शाया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, नदी में मल, फॉस्फेट और अमोनिया की मात्रा में वृद्धि हुई है, जो यह संकेत देती है कि गंदगी का स्तर काफी बढ़ चुका है। डी.पी.सी.सी. हर महीने यमुना नदी के जल की गुणवत्ता की जांच करती है, और मई की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि नदी दिल्ली में प्रवेश करते समय पल्ला क्षेत्र में भी प्रदूषित थी।

इसके अलावा, जब नदी दिल्ली से बाहर निकलती है, तो असगरपुर में प्रदूषण का स्तर और भी अधिक बढ़ जाता है। यह नमूना 1 मई को लिया गया था, और इसके अगले दिन शहर में भारी बारिश हुई थी, जो संभवत: प्रदूषण के स्तर को और बढ़ाने में सहायक रही।

इन इलाकों के बड़े नालों में भी बढ़ा प्रदूषण

मई में, महारानी बागशाहदरा और नजफगढ़ जैसे बड़े नालों में भी प्रदूषण बढ़ गया है। इन नालों से गंदा पानी यमुना में जाता है, जिससे नदी और भी ज प्रदूषित हो जाती है।

डीपीसीसी ने बताई वजह

DPCC के अनुसार, नदी में मल के कीटाणु (fecal coliform) पिछले महीने से बढ़ गए हैं। अमोनिया का स्तर भी दोगुना हो गया है। यह 2.3mg/litre से बढ़कर 5.7mg/litre हो गया है। मई में मल के कीटाणुओं का स्तर 23 लाख MPN/100ml था। अप्रैल में यह 15 लाख MPN/100ml था। MPN/100ml एक इकाई है जिससे पानी में कीटाणुओं की संख्या मापी जाती है।