नई दिल्ली, 14 सितंबर : एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच रात 8 बजे शुरू होगा। लेकिन इसे लेकर भारत में जमकर राजनीति हो रही है। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने पाकिस्तान के साथ मैच खेलने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है, जबकि सरकार ने इसे खेल की ज़रूरत बताकर इसका बचाव किया है।
शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र में ‘सिंदूर’ विरोध प्रदर्शन किया और लोगों से पाकिस्तान के साथ मैच का बहिष्कार करने की अपील की। उन्होंने इस मैच को फ़ौजियों और पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों का अपमान बताया है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सवाल उठाया कि क्या यह मैच ट्रंप के दबाव में आयोजित किया जा रहा है। दूसरी ओर, शिवसेना शिंदे गुट ने मैच का बचाव किया और कांग्रेस शासन की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच तब भी खेले जाते थे जब रिश्ते तनावपूर्ण थे।
आदित्य ठाकरे ने मैच पर उठाए सवाल
आदित्य ठाकरे ने भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर कहा, “इस मैच का बहिष्कार आज भी किया जा सकता है, अभी भी किया जा सकता है। बीसीसीआई अभी भी भारत को दिखा सकता है कि वह भारत के लिए है, पैसों के लालच के लिए नहीं। बीसीसीआई अभी भी साबित कर सकता है कि वह देशद्रोही नहीं है। क्या दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम के लिए 2 अंक वाकई मायने रखते हैं?”
उन्होंने कहा कि आज मैदान पर खेलने वालों को समझना चाहिए कि वे उस देश के खिलाफ खेल रहे हैं जहाँ से आतंकवादी आए और निर्दोष लोगों का कत्लेआम किया। उन परिवारों के बारे में सोचिए जिन्होंने पहलगाम में अपनों को खोया है।
भाजपा ने देशभक्ति की परिभाषा बदल दी है – आदित्य ठाकरे
आदित्य ठाकरे ने कहा, “जो देश आतंकवादियों को पनाह देता है, उसका बहिष्कार करने से बुरा कुछ नहीं हो सकता। यह सब जानते हुए भी यह खेल जारी रखना शर्म की बात है। आज हमें ऐसी केंद्र सरकार की कमी महसूस हो रही है जो ऐसी देश-विरोधी गतिविधियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करे। यह दुखद है कि हम देख रहे हैं कि भाजपा ने अपनी विचारधारा और देशभक्ति की परिभाषा ही बदल दी है।”
मैच के संबंध में सरकार का तर्क
एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच को लेकर सरकार ने साफ़ कर दिया है कि ‘खेल और ऑपरेशन सिंधुर’ दो अलग-अलग मुद्दे हैं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मैच का विरोध उन खिलाड़ियों के साथ अन्याय है जिन्होंने यहाँ तक पहुँचने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि मैच कराने का फ़ैसला ‘सोच-समझकर’ लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि क्रिकेट की अपनी भावनाएँ होती हैं जो राजनीति से परे होती हैं।
सरकार का कहना है कि भारत पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मैच नहीं खेलेगा, न ही कोई भारतीय खिलाड़ी पाकिस्तान जाएगा और न ही पाकिस्तानी टीम भारत आएगी। लेकिन बहुपक्षीय मैच खेले जाएँगे।
मैच को लेकर प्रशंसक दो गुटों में बंट गए
भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर प्रशंसक दो खेमों में बंटे हुए हैं। कुछ लोगों का कहना है कि पाकिस्तान से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहिए, चाहे वह खेल हो, व्यापार हो या शराब। वहीं, दूसरा खेमा कह रहा है कि खेल को खेल ही रहने देना चाहिए और उसे राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। जिस तरह पाकिस्तानी सेना ने हमेशा सीमा पर पाकिस्तान को हराया है, उसी तरह खिलाड़ी भी मैदान पर पाकिस्तानी खिलाड़ियों को हराएँगे।
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