नई दिल्ली, 3 अक्तूबर : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हमेशा से दावा करते रहे हैं कि उन्होंने दुनिया के कई देशों के बीच चल रहे युद्धों को शांत कराया है। इसी सिलसिले में उन्होंने हाल ही में कहा, “मैंने उन युद्धों को सुलझाया है जो सुलझ नहीं पा रहे थे। मैंने अज़रबैजान और अल्बानिया के बीच कई सालों से चल रहे तनाव को शांत कराया है।”
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा अतीत में किए गए कई दावे पिछले हफ़्ते एक यूरोपीय शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं के लिए मज़ाक का विषय बन गए। कोपेनहेगन में यूरोपीय राजनीतिक समुदाय की बैठक में कई विश्व नेताओं ने ट्रंप की नकल करने की कोशिश की। इस बीच, उन्होंने ट्रंप की नकल करने की भी कोशिश की।
विवाद क्या है?
गुरुवार को कोपेनहेगन में यूरोपीय राजनीतिक समुदाय की बैठक में अल्बानियाई प्रधानमंत्री एडी रामा ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अज़रबैजानी राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव का मजाक उड़ाकर लोगों को हंसाया।
इस बीच, रामा ने कहा, “आपको माफ़ी मांगनी चाहिए क्योंकि आपने राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा अल्बानिया और अज़रबैजान के बीच हुए शांति समझौते पर हमें बधाई नहीं दी।” जैसे ही एडी रामा ने यह कहा, वहाँ मौजूद अलीयेव ज़ोर से हँस पड़े। वहीं, मैक्रों ने मज़ाक में कहा, “मुझे इसके लिए माफ़ करना।”
ट्रम्प की टिप्पणियों पर क्यों हँसी उड़ाई गई?
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह मजाक इन विश्व नेताओं के बीच विशेष रूप से शक्तिशाली था, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति अक्सर अपनी विदेश नीति की सफलताओं का उल्लेख करते समय अल्बानिया के बजाय आर्मेनिया शब्द का उपयोग करते हैं।
गौरतलब है कि पिछले महीने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने उन युद्धों को सुलझाया है जो सुलझ नहीं सकते थे। अज़रबैजान और अल्बानिया के बीच युद्ध वर्षों से चल रहा था। इसके अलावा, ट्रंप ने कई अन्य देशों के बीच युद्धों को रोकने का श्रेय भी लिया है।
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