नई दिल्ली, 4 दिसंबर : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत आ रहे हैं। चार साल में यह उनकी दूसरी भारत यात्रा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच रक्षा सहयोग, ऊर्जा साझेदारी और बदलती वैश्विक स्थिति पर गहन चर्चा होने की उम्मीद है।
पुतिन पिछली बार छह दिसंबर 2021 को भारत आए थे। उस समय महामारी के कारण उनकी यात्रा पांच घंटे तक सीमित थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ रक्षा, ऊर्जा और दीर्घकालिक साझेदारी के मुद्दों पर व्यापक चर्चा की थी।
किन मुद्दों पर चर्चा हुई?
दोनों देशों ने रक्षा और रणनीतिक सहयोग की समीक्षा की और 2+2 वार्ता की शुरुआत का स्वागत किया। वे सैन्य-तकनीकी सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए। प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन ने निवेश बढ़ाने, आईएनएसटीसी और चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री गलियारे को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान, कोविड के बाद आर्थिक सुधार और वैश्विक मंचों पर सहयोग पर भी चर्चा की।
उस समय दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, संस्कृति, शिक्षा और अंतरिक्ष सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे। रवाना होने से पहले, पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को 2022 में रूस आने का निमंत्रण भी दिया।
अब दुनिया बदल गई है और नई चुनौतियां आ गई हैं।
पुतिन की पिछली भारत यात्रा डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका लौटने से पहले हुई थी। पिछले तीन सालों से भारत रूस से सस्ता तेल खरीदता रहा है, जिसकी पश्चिमी देशों ने काफी हद तक अनदेखी की है। हालाँकि, ट्रंप के बयानों और नई अमेरिकी टैरिफ नीतियों ने अब भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ा दिया है।
इस बीच, यूक्रेन में हालिया सैन्य बढ़त से उत्साहित रूस ने अमेरिका समर्थित एक नए शांति प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। रूस भारत का एक प्रमुख रक्षा साझेदार बना हुआ है।
23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन
पुतिन के शाम 6 बजे तक दिल्ली पहुँचने की उम्मीद है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी उनके सम्मान में एक निजी रात्रिभोज का आयोजन करेंगे। इस यात्रा के दौरान, दोनों नेता रक्षा सौदों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिसमें एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति और नए सुखोई-57 लड़ाकू विमानों में भारत की रुचि शामिल है।
रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना, बदलती वैश्विक परिस्थितियों में दोनों देशों की रणनीतियों को संतुलित करना और रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाना इस समय प्रमुख प्राथमिकताएं होंगी।

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