नई दिल्ली, 28 जून : दिल्ली में अपने वाहनों से यात्रा करने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है। 1 जुलाई से, पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों को दिल्ली में ईंधन नहीं मिलेगा। यह निर्णय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा लिया गया है, जिसके तहत ऐसे वाहनों को जब्त कर स्क्रैप किया जाएगा। इस योजना को दिल्ली सरकार और ट्रैफिक पुलिस ने मिलकर तैयार किया है, और इसके अंतर्गत ‘एंड-ऑफ-लाइफ’ वाहनों के हॉटस्पॉट की पहचान भी की गई है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार करना है, ताकि नागरिकों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिल सके।
पैट्रोल पम्पों पर लगे खास कैमरे
अधिकारियों के अनुसार, 1 जून से 23 जून के बीच लगभग 1.4 लाख वाहनों को ई.ओ.एल. के रूप में चिन्हित किया गया है, जबकि कुल मिलाकर 8.1 लाख वाहनों की पहचान की गई है। इसके अतिरिक्त, 498 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 382 पेट्रोल और डीजल वाहनों के लिए हैं, जबकि 116 सी.एन.जी. वाहनों के लिए। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सी.एन.जी. से चलने वाले पुराने वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। यह कदम दिल्ली की वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
सी.ए.क्यू.एम के सदस्य वीरेंद्र शर्मा ने कहा, ‘हमने आखिरकार ई.ओ.एल. हनों को सडक़ों से हटाने की समस्या को हल करने का फैसला किया है। उन्होंने आगे कहा कि ई.ओ.एल. वाहनों को दिल्ली की सडक़ों से हटाने का मामला 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और बाद में 2018 में सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया था, लेकिन ए.एन.पी.आर. जैसी तकनीक न होने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका। शर्मा ने बताया कि श्वह्ररु वाहन प्रदूषण फैलाते हैं। रिसर्च में पाया गया है कि बी.एस.4 वाहन, बी.एस. 6 वाहन की तुलना में 5.5 गुना ज्यादा प्रदूषण करते हैं।
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