जालंधर, 8 दिसम्बर : तापमान में गिरावट के साथ ही न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है और ठंड ने दस्तक दे दी है, लोग ठिठुर रहे हैं। सिविल अस्पताल में हालात यह हैं कि करीब 1150 कंबल होने के बावजूद मरीजों को कंबल नहीं मिल रहे हैं। अस्पताल के कंबल अलमारियों में बंद हैं और मरीज ठंड से ठिठुर रहे हैं। मरीज और उनके परिजन ठंड से बचने के लिए अपने घरों से कंबल ला रहे हैं।
अस्पतालों की अलमारीयों में धूल खा रहे कंबल
अस्पताल प्रशासन मरीजों की इस समस्या से अनजान है। अस्पताल स्टाफ का कहना है कि मरीज कंबल घर ले जाते हैं, इसलिए वे कंबल देने में आनाकानी करते हैं और इस तरह अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ लेते हैं। सिविल अस्पताल में वर्ष 2024 और 2025 में दानदाताओं द्वारा कुल 1150 कंबल दान किए गए थे। कुछ कंबल वार्डों में भी बांटे गए, लेकिन स्टाफ भर्ती मरीजों को ये कंबल देने को तैयार नहीं है।
मरीज कंबल के लिए तरस रहे
जबकि ठंड अपने चरम पर पहुंच रही है, अस्पताल प्रशासन ने वार्डों में जाकर मरीजों का हाल जानने की जहमत नहीं उठाई है। सिविल अस्पताल की क्षमता करीब 550 बेड की है और औसतन 300 बेड भरे रहते हैं। अस्पताल में कंबल उपलब्ध होने के बावजूद मरीज कंबल के लिए तरस रहे हैं । वह घर से सिर्फ एक कंबल लेकर आई थीं। अस्पताल ने कोई कंबल नहीं दिया। उन्होंने स्टाफ से भी बात की, लेकिन उन्हें टाल दिया गया।
उन्होंने कहा कि वह वार्डों में जाकर जांच करेंगी और स्टाफ को निर्देश दिया जाएगा कि मरीज को दिया गया कंबल उसकी फाइल में दर्ज किया जाए, ताकि डिस्चार्ज के समय कंबल वापस किया जा सके। उधर, अस्पताल की कार्यकारी एमएस डॉ. वरिंदर कौर थिंद ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है। वह संबंधित एसएमओ को वार्डों में जाकर जांच करने और मरीजों को कंबल बांटने के लिए कहेंगी। अस्पताल प्रशासन के अनुसार उनके पास कंबलों का पर्याप्त भंडार है।
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