चंडीगढ़, 28 दिसम्बर : पंजाब की सातधारी आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए “विकसित भारत जी राम जी एक्ट” के खिलाफ देश के सभी राज्यों का समर्थन मांगा है। पंजाब ने इसे एक “काला कानून” बताते हुए कहा कि यह संघीय ढांचे के लिए बड़ा झटका है और विशेष रूप से अनुसूचित जातियों और राज्य की गरीब आबादी को नुकसान पहुंचाएगा।
सभी राज्यों से एकजुट होने की अपील
पंजाब के पेंड़ू विकास और पंचायती मंत्री तरुण प्रीत सिंह सौंड़ ने देश के सभी पेंड़ू विकास और पंचायती मंत्रियों को पत्र लिखकर पंजाब में इस कानून के खिलाफ साझा बैठक करने की अपील की है। मंत्री ने कहा कि इस एक्ट से छोटे राज्यों जैसे पंजाब को 600 करोड़ रुपये का नुकसान होगा, जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों को 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ेगा।
मनरेगा बनाम विकसित भारत जी राम जी एक्ट
मंत्री सौंड़ ने मनरेगा और विकसित भारत जी राम जी एक्ट का तुलनात्मक अध्ययन पेश करते हुए कहा कि नया कानून राज्यों के लिए बहुत खतरनाक है। उन्होंने बताया कि जहाँ मनरेगा 100 दिन रोजगार की गारंटी देता है, वहीं नई योजना 125 दिन का वादा करती है, लेकिन अब तक राष्ट्रीय औसत केवल 45 दिन ही रहा है। पुराने कानून के तहत लाभार्थियों को काम मांगने की अनुमति थी, जबकि नए कानून में राज्य केवल फंड अलॉट कर सकते हैं और काम करने का वित्तीय बोझ खुद उठाना होगा।
वित्तीय और कार्यान्वयन में बदलाव
- पुराने कानून में मजदूरी 100% और सामग्री 75% प्रदान की जाती थी, जबकि नए कानून में इसे 60:40 के अनुपात में साझा किया जाएगा।
- काम की उपलब्धता को 60 दिन तक घटा दिया गया है।
- पुराने कानून में बेरोजगारी भत्ता की व्यवस्था थी, जो नए कानून में समाप्त कर दी गई है।
- केंद्र सरकार ने खर्च और टैक्स वसूली का पूरा जिम्मा अपने हाथों में ले लिया है, जिससे बोझ राज्य सरकारों पर पड़ा है।
पंजाब की अगली रणनीति
पंजाब पहला राज्य है जिसने न केवल इस कानून का विरोध किया, बल्कि 30 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस पर मतदान करने का भी निर्णय लिया है। मंत्री सौंड़ ने कहा कि पंजाब अन्य राज्यों के साथ मिलकर केंद्र सरकार के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई लड़ेगा।
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