मुंबई, 1 अक्तूबर : भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को मौजूदा घरेलू और वैश्विक परिस्थितियों की समीक्षा करते हुए प्रमुख नीतिगत ब्याज दर (रेपो) को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार से शुरू हुई तीन दिवसीय बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए कहा, “एमपीसी ने आम सहमति से रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है।”
ब्याज दरों में बदलाव की संभावना नहीं
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मौद्रिक नीति के रुख को तटस्थ रखा गया है। इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक आर्थिक स्थिति के अनुसार नीतिगत दर को समायोजित करने में लचीला बना रहेगा। रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से उधार लेते हैं। चूंकि रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है, इसलिए आवास और वाहन ऋण सहित खुदरा ऋणों पर ब्याज दरों में बदलाव की संभावना नहीं है।
आरबीआई ने 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान 3.1 प्रतिशत से घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया गया है। यह लगातार दूसरी बार है जब रेपो रेट में बदलाव नहीं किया गया है। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने इस साल फरवरी से जून तक रेपो रेट में एक प्रतिशत की कटौती की थी।
इस साल जून की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 0.5 प्रतिशत की कटौती की गई थी। फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षाओं में रेपो रेट में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती की गई थी।
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