गुरुग्राम, 17 अगस्त : प्रख्यात साहित्यकार निशांत केतु ने रविवार सुबह 6.30 बजे 90 वर्ष की आयु में पालम विहार स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। बहुभाषी विद्वान के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले निशांत केतु का मूल नाम चंद्रकिशोर पांडे था। उन्होंने कई भाषाओं में पुस्तकें लिखीं। निशांत केतु को श्रेष्ठ हिंदी साहित्य लेखन पुरस्कार और साहित्य भूषण पुरस्कार समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
उन्होंने 100 से अधिक मौलिक और संपादित पुस्तकें लिखीं। पुस्तकों में उपन्यास, कहानी, लेख, संस्मरण और आलोचना शामिल हैं। वे एक ज्योतिषी के रूप में भी जाने जाते थे। उनके व्यक्तित्व और लेखन पर काफी शोध भी हुआ है।
निशांत केतु की पुस्तकें कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती हैं। हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी के अलावा, वे बंगाली, तमिल और तेलुगु भाषाओं के भी जानकार थे। मूल रूप से बिहार के रहने वाले निशांत केतु मगध विश्वविद्यालय में अध्यापन भी करते थे। उनकी पत्नी सुखदा पांडे बिहार राज्य की भाजपा सरकार में मंत्री थीं।
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