चंडीगढ़, 29 अगस्त : भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के भाखड़ा और पौंग बांधों का जलस्तर अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया है। इसके कारण पंजाब के साथ-साथ हरियाणा और राजस्थान के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
गुरुवार को भाखड़ा बांध का जलस्तर 1672 फीट और पौंग बांध का जलस्तर 1393 फीट दर्ज किया गया। इस मानसून सीजन (जुलाई-अगस्त) में पौंग बांध में 9.68 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी आ चुका है, जो परियोजना की स्थापना के बाद से अब तक का सर्वाधिक जलस्तर है।
यह 1988 (7.70 बीसीएम) और 2023 (9.19 बीसीएम) जैसे बाढ़ वर्षों से भी ज़्यादा है। बांधों में रिकॉर्ड जलभराव के चलते पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के निचले इलाकों में प्रशासन अलर्ट पर है। हालात को देखते हुए हरियाणा सरकार ने फतेहाबाद और सिरसा ज़िलों में निगरानी बढ़ा दी है।
इसके साथ ही, पंजाब में फिरोजपुर, कपूरथला, होशियारपुर और व्यास नदी के किनारे बसे गाँव प्रभावित हो सकते हैं। सतलुज के माध्यम से छोड़ा गया पानी हनुमानगढ़ और गंगानगर को प्रभावित कर सकता है। बीबीएमबी ने केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा 2024 के लिए तैयार किए गए रेगुलेशन कर्व को इसी वर्ष से लागू कर दिया है।
किसानों के लिए राहत के साथ-साथ चुनौतियाँ भी
इस जल भराव से सर्दियों की फसल (गेहूँ) के लिए पर्याप्त सिंचाई जल उपलब्ध होगा। हालाँकि, नदी के किनारे खड़ी धान की फसल के जलमग्न होने और नुकसान की आशंका है। बीबीएमबी अधिकारियों का कहना है कि पानी धीरे-धीरे और नियंत्रित तरीके से छोड़ा जा रहा है। इसका उद्देश्य बाँध को सुरक्षित रखना और नीचे की ओर बसे गाँवों और खेतों पर कम से कम प्रभाव डालना है।
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