नई दिल्ली, 25 अगस्त : भारतीयों को एक बार फिर रूस में नौकरी का मौका मिलने जा रहा है। रूस में भारतीय राजदूत विनय कुमार ने कहा कि रूसी कंपनियां, खासकर मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की कंपनियां भारतीय नागरिकों को रोजगार देने में बढ़ती रुचि दिखा रही हैं।
दरअसल, ये बातें उन्होंने सरकारी समाचार एजेंसी TASS को दिए एक साक्षात्कार के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे ज़्यादा भारतीय रूस में रोज़गार के अवसरों का लाभ उठा रहे हैं, वाणिज्य दूतावास सेवाओं का कार्यभार भी बढ़ रहा है।
रूस को मानव संसाधन की आवश्यकता है।
यह ध्यान देने योग्य है कि रूस की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम सहित पश्चिमी देशों में आव्रजन पर बढ़ती कार्रवाई हो रही है। आपको बता दें कि भारतीय राजनयिक ने कहा कि व्यापक स्तर पर रूस में मानव संसाधन की आवश्यकता है और भारत के पास कुशल मानव संसाधन मौजूद हैं। इसलिए वर्तमान में रूसी नियमों, कानूनों और कोटा के दायरे में रहते हुए कंपनियां भारतीयों को नियुक्त कर रही हैं।
रूस में भारतीयों की मांग बढ़ रही है
भारतीय राजनयिक ने कहा कि यहाँ आने वाले ज़्यादातर लोग निर्माण और कपड़ा क्षेत्र से हैं, लेकिन मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में भी भारतीयों की माँग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि रूस में भारतीय कामगारों की बढ़ती संख्या वाणिज्य दूतावास के संसाधनों पर दबाव डाल रही है।
रूस में भारतीय समुदाय के सदस्यों की संख्या बढ़ रही है
गौरतलब है कि रूस में भारतीय समुदाय के लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत से रूस जाने वालों में छात्र, पेशेवर और कामगार शामिल हैं। ये लोग रूस में विभिन्न प्रकार के काम करते हैं।
आँकड़ों पर गौर करें तो रूस में भारतीय समुदाय के लोगों की अनुमानित संख्या 14,000 है। इसके अलावा, रूस में भारतीय मूल के लगभग 1,500 अफ़ग़ान नागरिक भी हैं। पिछले आँकड़े बताते हैं कि वर्तमान में लगभग 4,500 भारतीय छात्र रूसी चिकित्सा और तकनीकी संस्थानों में नामांकित हैं।
आपको बता दें कि रूस जाने वाले 90 प्रतिशत छात्र देश भर में फैले लगभग 20 विश्वविद्यालयों में चिकित्सा की पढ़ाई करते हैं, जबकि अन्य छात्र इंजीनियरिंग, एयरोनॉटिकल डिजाइनिंग, कंप्यूटर साइंस आदि की पढ़ाई करते हैं।
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