October 7, 2025

शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ीं, बांग्लादेश में मुकदमा शुरू

शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ीं...

ढाका, 3 अगस्त : बांग्लादेश में तख्तापलट को लगभग एक साल हो गया है। पिछले साल 5 अगस्त को बांग्लादेश में भड़की हिंसा के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा था। बांग्लादेश में हालात अभी भी सामान्य नहीं हुए हैं। इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। बांग्लादेश में अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में शेख हसीना के खिलाफ मुकदमा शुरू हो गया है। इसे आज हरी झंडी दे दी गई। इस मुकदमे में शेख हसीना को हिंसा की जड़ बताया गया है।

शेख हसीना के लिए कड़ी सजा की मांग

मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे ताजुल इस्लाम ने अदालत में सरकार का पक्ष रखा है। उनका कहना है कि बांग्लादेश में हिंसा शेख हसीना की वजह से हुई है। ऐसे में शेख हसीना को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।

मुख्य लोक अभियोजक ताजुल इस्लाम ने शेख हसीना और उनके दो सहयोगियों को हिंसा के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और आईजी चौधरी अब्दुल्ला अल मामून भी समान रूप से दोषी हैं।

शेख हसीना पर क्या आरोप है?

अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में दायर इस मामले में शेख हसीना पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। याचिका में दावा किया गया है कि शेख हसीना ने 2024 में छात्र विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए पुलिस को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, जिसके कारण बांग्लादेश में हिंसा भड़क उठी थी। इसके बाद वह और कमाल देश छोड़कर चले गए। वहीं, चौधरी अब्दुल्ला पुलिस हिरासत में हैं।

यूनुस सरकार की भारत से अपील

आपको बता दें कि शेख हसीना 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश छोड़ देंगी। मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत से कई बार अपील की है, लेकिन भारत ने अभी तक इसका कोई जवाब नहीं दिया है।

शेख हसीना को 6 महीने की जेल की सजा

पिछले महीने, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण ने शेख हसीना को देश छोड़कर भागने के आरोप में 6 महीने की जेल की सज़ा सुनाई थी। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, 15 जुलाई से 15 अगस्त, 2024 के बीच बांग्लादेश में हुई हिंसा में 1400 लोग मारे गए थे।

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