चंडीगढ़, 31 दिसम्बर : पंजाब विधानसभा ने आज विशेष सत्र के दौरान केंद्र सरकार के ‘विकसित भारत–जी राम जी’ कानून के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया। मनरेगा के स्वरूप में बदलाव के विरोध में प्रस्ताव पारित करने वाला पंजाब देश का पहला राज्य बन गया है।
भाजपा विधायक गैरहाजिर, कांग्रेस सहित अन्य दलों का समर्थन
प्रस्ताव पारित होने के दौरान भाजपा के विधायक सदन में मौजूद नहीं थे। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत अन्य सभी राजनीतिक दलों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। शिरोमणि अकाली दल की विधायक गणीव कौर मजीठिया भी सत्र से अनुपस्थित रहीं। ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद द्वारा पेश प्रस्ताव पर चर्चा के बाद सदन ने इसे पारित कर दिया। प्रस्ताव में सिफारिश की गई कि राज्य सरकार केंद्र से नया कानून वापस लेने की मांग करे और योजना को अधिकार-आधारित स्वरूप में बहाल किया जाए।
गारंटीशुदा रोजगार और मजदूरी की मांग
सरकारी प्रस्ताव में कहा गया कि गरीब परिवारों के लिए गारंटीशुदा काम और मजदूरी सुनिश्चित की जाए। यह भी चेतावनी दी गई कि नए कानून से राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा और मनरेगा की स्वायत्तता को नुकसान पहुंचेगा। स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने सरकारी प्रस्ताव और तीन अहम विधेयकों के पारित होने के बाद विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
अकाली दल की चुप्पी पर सवाल
सत्ताधारी दल ने मनरेगा में बदलाव के मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल की चुप्पी पर सवाल उठाए। चर्चा के दौरान जब मंत्री सौंद ने नए कानून से दलित वर्ग को नुकसान की बात कही, तो कांग्रेस विधायक अरुणा चौधरी ने स्पष्ट किया कि मनरेगा सभी वर्गों के लिए रोजगार उपलब्ध कराती है। वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियां सहकारी संघीय ढांचे को कमजोर कर रही हैं और राज्यों के अधिकार छीने जा रहे हैं।
उन्होंने दलित कल्याण के लिए पंजाब सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया। अकाली विधायक मनप्रीत सिंह इयाली ने मांग की कि मनरेगा में पिछले 17 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को स्थायी किया जाए।
यह भी देखें : भाजपा ने मनरेगा को खत्म कर छीनी गरीबों के रोजगार की गारंटी- भगवंत मान

More Stories
केंद्र की नई रोजगार योजना गरीबों को गुमराह करने की चाल: अमन अरोड़ा
4.075 किलो हेरोइन, 1 किलो ‘आईस’ और पिस्टल बरामद, 7 तस्कर गिरफ्तार
भाजपा ने मनरेगा को खत्म कर छीनी गरीबों के रोजगार की गारंटी- भगवंत मान