चंडीगढ, 4 अप्रैल : आपने दुनियां के सबसे अमीर देशों के बारे में पढ़ा या सुना होगा, लेकिन क्या आप एशिया के सबसे अमीर गांव के बारे में जानते हैं? आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह गांव भारत में मौजूद है। गुजरात के भुज में स्थित एक छोटा सा गांव माधापुर, एशिया का सबसे अमीर गांव कहा जाता है। इस गांव की आबादी सिर्फ 32,000 है, लेकिन इस गांव में 7,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की फिक्स्ड डिपॉजिट हैं।
गांव के रिकार्ड को सरकार ने दी मान्यता
इस रिकार्ड को भारत सरकार ने भी मान्यता दी है। माधापुर की सफलता का रहस्य वहां के एनआरआई समुदाय में निहित है, जो गांव की आबादी का 65 प्रतिश हिस्सा है। ये भारतीय नागरिक मुख्य रूप से अफ्रीका, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में बसे हुए हैं और बड़े पैमाने पर अपने गांवों में पैसा भेजते रहते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि माधापुर को भेजी गई धनराशि का उपयोग गांव के विकास के लिए किया गया है।
इस धन से अच्छी सडक़ें, झीलें, स्कूल, कॉलेज, स्वास्थ्य केंद्र और मंदिर बनाए गए हैं। एनआरआई निवेश ने माधापुर को एक धन केन्द्र बना दिया है, जिसने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों का ध्यान आकर्षित किया है। वर्तमान में यहां 17 बैंक हैं। इसमें एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, पीएनबी आदि शामिल हैं। माधापुर की आज की स्थिति पर गांव वालों को बहुत गर्व है। आश्चर्य की बात यह है कि यहां की अधिकांश संपत्ति अफ्रीका में निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले भारतीय प्रवासियों से आती है।
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