धर्मशाला, 19 जुलाई : बहुविवाह की परंपरा: भारत में दो राज्य ऐसे हैं जहाँ बहुविवाह की परंपरा आज भी विद्यमान है। ये दो राज्य हैं उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश। हिमाचल और उत्तराखंड के तीन पहाड़ी क्षेत्रों में बहुविवाह की परंपरा आज भी विद्यमान है। इनमें उत्तराखंड का जौनसार बावर, हिमाचल प्रदेश का किन्नौर और सिरमौर ज़िले का गिरिपार क्षेत्र शामिल हैं। ये तीनों क्षेत्र अपनी सदियों पुरानी परंपराओं के लिए अक्सर देश भर में सुर्खियों में रहते हैं।
इन दिनों सिरमौर ज़िले का गिरिपार इलाका एक बार फिर इंटरनेट मीडिया पर सुर्खियों में है। इसकी वजह है दो सगे भाइयों का एक ही लड़की से विवाह। गिरिपार इलाके के दो सगे भाइयों ने एक ही लड़की से विवाह किया है। दुल्हन का कहना है कि उसने अपनी मर्ज़ी से ऐसा किया है और उसे कोई आपत्ति नहीं है। यह उनकी परंपरा का हिस्सा है। बताया जा रहा है कि दूल्हों में से एक जल शक्ति विभाग में सरकारी नौकरी करता है और दूसरा विदेश में काम करता है।
सरकार ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया, दस्तावेज़ में बहुविवाह का उल्लेख
सिरमौर ज़िले के गिरिपार क्षेत्र को कुछ समय पहले केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया है। इसमें बहुविवाह और बहुविवाह प्रथा का भी योगदान है। केंद्र सरकार को भेजे गए दस्तावेज़ों में बहुविवाह और बहुविवाह से संबंधित दस्तावेज़ भी शामिल थे। सदियों से चली आ रही इस बहुविवाह प्रथा में पहले एक भाई किसी महिला से विवाह करता था। कुछ समय बाद दूसरा भाई भी इसी महिला से विवाह कर लेता था। कभी-कभी तीसरा भाई भी इसी महिला से विवाह कर लेता था। आज भी गिरिपार क्षेत्र में सैकड़ों ऐसे परिवार हैं, जहाँ एक पुरुष की दो या तीन पत्नियाँ होती हैं और एक महिला के दो या तीन पति होते हैं।
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