गुरुहरसहाय, 20 अगस्त : रील बनाने जैसी आधुनिक तकनीक ने गांवों में सामाजिक तनाव पैदा करना शुरू कर दिया है। ऐसा ही एक ताज़ा मामला लखोके बहराम थानांतर्गत पीर के खानगढ़ गांव में सामने आया है। यहां एक परिवार को रील बनाने का काम बंद करने की कीमत अपनी जान और माल गँवाकर चुकानी पड़ी।
शिकायतकर्ता वरियाम सिंह पुत्र बसीर सिंह निवासी इसी गांव ने पुलिस को दिए बयानों में बताया कि 16 अगस्त 2025 को शाम करीब साढ़े सात बजे जब वह अपने घर में था तो अचानक कुछ लोग जबरन उसके घर में घुस आए और उस पर हमला कर दिया। वरियाम सिंह ने बताया कि इस हमले में मुख्य रूप से बूटा सिंह, उसका बेटा मिर्जा, करण, जस्सा, राजपाल, पुलिस के अलावा कुछ महिलाएं शब्बू, काजल और रानो शामिल थीं।
हमलावरों ने उनके घर में तोड़फोड़ की
हमलावरों ने उनके घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी और बूटा सिंह ने वरयाम सिंह को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दी। उन्होंने बताया कि हमले का कारण यह था कि वरयाम सिंह ने उनके बेटे मिर्ज़ा को रील बनाने से रोका था। हमलावरों ने वरयाम सिंह की पिटाई भी की। वरयाम सिंह के शोर मचाने पर हमलावर मौके से भाग गए। जाते-जाते उन्होंने वरयाम सिंह की बहू कौशल के गहने भी लूट लिए, जिनमें एक चाँदी की चेन, सोने की बालियाँ और एक सोने की अंगूठी शामिल थी।
इसके अलावा, अलमारी से 35,000 रुपये की नकदी भी चोरी हो गई, जो उसने गाय बेचकर रखी थी। हमलावरों ने घर में फ्रिज, कूलर, बिस्तर, कुर्सियाँ और पानी की टंकी जैसे सामान में भी तोड़फोड़ की। इस घटना की सूचना मिलने पर सहायक पुलिस अधीक्षक, लक्खोके बेहराम, दर्शन सिंह ने जाँच शुरू कर दी है। वरयाम सिंह के बयानों के आधार पर पुलिस ने उक्त आरोपियों के खिलाफ धारा 333, 303 (2), 115 (2), 191 (3) और 190 बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
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