नई दिल्ली, 3 सितम्बर : अगर किसी व्यक्ति को 1 या 2 करोड़ रुपये के पैकेज वाली नौकरी मिल जाए, तो उसे लगता है कि उसने कोई बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। इसके साथ ही, कुछ ऐसे भी होते हैं जिनमें कुछ अलग करने और नई चीज़ें सीखने का जुनून होता है। मनोज तुमु भी ऐसे ही लोगों में से हैं। 23 वर्षीय मनोज एक भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर हैं। उन्होंने मार्क जुकरबर्ग की कंपनी मेटा के लिए अमेज़न में 3.36 करोड़ रुपये की सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी है। इसी वजह से मनोज इन दिनों चर्चा में हैं।
मनोज ने स्वयं अपना अनुभव साझा किया
आजकल तकनीक बहुत तेज़ी से बदल रही है। खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) काफ़ी विकसित हो रहे हैं। AI और ML की वजह से नई नौकरियाँ उभर रही हैं और लोगों को अच्छी तनख्वाह मिल रही है। दुनिया भर की बड़ी-बड़ी कंपनियाँ इन क्षेत्रों में काम करने के लिए लोगों की तलाश में हैं। इसलिए, जो लोग इंजीनियर बनना चाहते हैं, वे अच्छी नौकरी पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
मनोज तुमु ने बिज़नेस इनसाइडर के लिए एक लेख लिखा है। इसमें उन्होंने अपने करियर के बारे में कुछ बातें साझा की हैं। वह चाहते हैं कि उनके शब्द दूसरे युवा इंजीनियरों के काम आएँ। उन्होंने कहा कि पेशेवर अनुभव, व्यक्तिगत प्रोजेक्ट्स से ज़्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने लिखा है कि प्रोजेक्ट्स शुरुआत में अच्छे होते हैं, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ देना चाहिए।
स्व-नियोजित नौकरी
मनोज ने बताया कि जब उन्होंने अमेज़न और मेटा में नौकरी के लिए आवेदन किया, तो उन्होंने अपने रिज्यूमे से प्रोजेक्ट वर्क हटा दिया। उन्होंने सिर्फ़ अपने पेशेवर अनुभव पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें किसी से कोई सिफ़ारिश नहीं मिली। उन्होंने सीधे कंपनी की वेबसाइट और लिंक्डइन के ज़रिए आवेदन किया। उनका अच्छा रिज्यूमे ही काफ़ी था।
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