नई दिल्ली, 1 अक्तूबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्थापना दिवस की शताब्दी का साक्षी बनने का अवसर मिला। प्रधानमंत्री ने आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक विशेष डाक टिकट और एक सिक्का भी जारी किया।
उन्होंने कहा कि आरएसएस की गौरवशाली 100 वर्षों की यात्रा त्याग, निस्वार्थ सेवा, राष्ट्र निर्माण और अनुशासन का एक असाधारण उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा, “स्वयंसेवकों की हमारी पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि उसने आरएसएस का शताब्दी वर्ष देखा है।” श्री मोदी ने कहा कि अपनी स्थापना से लेकर अब तक, आरएसएस ने राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि आरएसएस समाज के विभिन्न वर्गों के बीच काम करता है, लेकिन उनके बीच कभी कोई विरोधाभास नहीं होता क्योंकि वे ‘राष्ट्र प्रथम’ के सिद्धांत पर काम करते हैं।
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