November 22, 2025

अब अकबर और टीपू सुल्तान को ‘महान’ नहीं कहा जाएगा

अब अकबर और टीपू सुल्तान को...

नागपुर, 22 नवम्बर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता सुनील आंबेकर ने कहा है कि इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में कई सकारात्मक बदलाव किए गए हैं और अब मुगल सम्राट अकबर या मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के लिए ‘महान’ विशेषण का इस्तेमाल नहीं किया जाता। हालाँकि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने ये बदलाव किए हैं, लेकिन इनमें से किसी भी पाठ्यपुस्तक को हटाया नहीं गया है क्योंकि नई पीढ़ी को उनके क्रूर कृत्यों के बारे में पता होना चाहिए।

इतिहास की पुस्तकों में कई अच्छे बदलाव हुए

आंबेकर ने शुक्रवार को एसजीआर ज्ञान फाउंडेशन द्वारा आयोजित ऑरेंज सिटी लिटरेचर फेस्टिवल में एक सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “अब इतिहास की पाठ्यपुस्तकें बदल रही हैं और मुझे बहुत खुशी है कि एनसीईआरटी ने एक बहुत अच्छी पहल करते हुए 15 में से 11 कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकों में बदलाव किए हैं। अगले साल कक्षा 9, 10 और 12 की पुस्तकों में बदलाव किए जाएँगे।” उन्होंने कहा, “मैं देख सकता हूँ कि इतिहास की पुस्तकों में कई अच्छे बदलाव हुए हैं और भविष्य में और भी बदलाव किए जा सकते हैं।

पीढ़ी को उनके क्रूर कृत्यों के बारे में पता होना चाहिए

लेकिन अब, उनमें (इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में) न तो ‘अकबर महान’ है और न ही ‘टीपू सुल्तान महान’। कई बदलाव किए गए हैं, हालाँकि इनमें से कोई भी किताब नहीं हटाई गई है क्योंकि नई पीढ़ी को उनके क्रूर कृत्यों के बारे में पता होना चाहिए और यह भी पता होना चाहिए कि हमें क्यों कष्ट सहना पड़ा और हमें किससे मुक्ति मिलनी चाहिए।”

कुछ लोग कहते हैं कि ऐसा नहीं कहा जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता और यह बताया जाना चाहिए। आंबेकर ने नालंदा विश्वविद्यालय के बारे में भी बात की और कहा कि लोग सोचते हैं कि वहां केवल वेद, पुराण, रामायण और महाभारत ही पढ़ाया जाता था। उन्होंने कहा, “लेकिन अगर आप नालंदा विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम देखें, तो आपको पता चल जाएगा कि वहाँ क्या पढ़ाया जाता था। यह बहुत पुराना विश्वविद्यालय है।”

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