December 10, 2025

एल.आई.सी. ने अडानी ग्रुप में पैसा क्यों लगाया? फाइनेंस मिनिस्टर का जवाब

एल.आई.सी. ने अडानी ग्रुप में पैसा क्यों...

नई दिल्ली, 2 दिसम्बर : अडानी ग्रुप की कंपनियों में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के निवेश को लेकर विपक्ष ने सरकार पर कई बार सवाल उठाए हैं। हालिया मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एलआईसी ने अडानी ग्रुप की सीमेंट कंपनी एसीसी में अपनी हिस्सेदारी 10% से अधिक कर ली है। इस संदर्भ में, सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि उनका मंत्रालय एलआईसी को उसके निवेश संबंधी निर्णयों के लिए कोई सलाह या निर्देश नहीं देता। उन्होंने यह भी बताया कि एलआईसी का अडानी ग्रुप में किया गया निवेश मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुरूप है, जो कि निवेश के लिए आवश्यक है।

एलआईसी अपने निवेश के निर्णयों में सावधानी बरतती है

एलआईसी देश की सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक है, और वित्त मंत्री ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी उल्लेख किया कि इस प्रमुख बीमा कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में बुनियादी बातों और विस्तृत प्रयासों के आधार पर कंपनियों में निवेश के निर्णय लिए हैं। यह स्पष्ट है कि एलआईसी अपने निवेश के निर्णयों में सावधानी बरतती है और यह सुनिश्चित करती है कि सभी प्रक्रियाएं सही तरीके से पूरी की जाएं। इस प्रकार, सरकार और एलआईसी दोनों ने अपने-अपने दृष्टिकोण से इस मुद्दे को स्पष्ट किया है, जिससे निवेशकों और आम जनता के बीच विश्वास बनाए रखने में मदद मिलती है।

कितनी कंपनियों में है निवेश?

उन्होंने स्पष्ट किया कि वित्त मंत्रालय एलआईसी के फंड निवेश से संबंधित मामलों में कोई सलाह या निर्देश नहीं देता है। सीतारमण ने यह भी बताया कि ऐसे निर्णय बीमा अधिनियम, 1938 के प्रावधानों के साथ-साथ आईआरडीएआई, आरबीआई और सेबी द्वारा समय-समय पर जारी किए गए नियमों के अधीन होते हैं। इसके अतिरिक्त, अक्टूबर में प्रकाशित अमेरिकी समाचार पत्र ‘वाशिंगटन पोस्ट’ की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने एलआईसी को अडानी ग्रुप में निवेश करने के लिए प्रेरित करने की योजना बनाई थी।

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