लुधियाना, 8 दिसम्बर : पंजाब में इन दिनों गोलीबारी की घटनाएँ आम होती जा रही हैं। हैरानी की बात यह है कि ज़्यादातर घटनाएँ लाइसेंसी हथियारों से हो रही हैं। इसी को देखते हुए, पंजाब पुलिस के डीजीपी ने पंजाब के सभी ज़िलों को हथियार धारकों के लाइसेंसों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। इससे उन लोगों पर शिकंजा कसा जाएगा जिनके ख़िलाफ़ पहले भी मामले दर्ज हैं या जिन्होंने हथियार लाइसेंस हासिल करने के लिए झूठे दस्तावेज़ जमा किए थे। लुधियाना पुलिस ने भी इस मुद्दे पर तेज़ी से काम करना शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि लुधियाना में करीब 21,000 शस्त्र लाइसेंस और करीब 23,000 हथियार हैं। लाइसेंसिंग विभाग को इन सभी मामलों की जाँच के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल, पुलिस उन लोगों की सूची तैयार कर रही है जिनके खिलाफ पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस विशेष जाँच से कई अहम खुलासे होंगे।
यह लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे
पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि आपराधिक मामलों में पहले से ही शामिल लोगों को लाइसेंस जारी किए गए हैं। किसके प्रभाव में लाइसेंस जारी किए गए? किन परिस्थितियों में लाइसेंस जारी किए गए? इन मामलों की रिपोर्ट तैयार करने के बाद पुलिस लाइसेंस रद्द करेगी। लाइसेंस बनवाने में मदद करने वालों की भूमिका की भी जाँच की जाएगी। इसके अलावा, छोटे अपराधों में दो से ज़्यादा एफ़आईआर वाले लोगों के लाइसेंस की भी समीक्षा की जाएगी। इसके लिए विभाग अलग से सूचियाँ तैयार करेगा।
जाली दस्तावेजों की जांच की जाएगी
कई लोगों ने लाइसेंस प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है, जिनमें डोप टेस्ट, संपत्ति के दस्तावेज और प्रशिक्षण प्रमाण पत्र शामिल हैं। पुलिस इन सभी दस्तावेजों की दोबारा जाँच करेगी। अगर किसी के दस्तावेजों में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो उसके लाइसेंस रद्द करने और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा, बंदूक मालिकों ने हथियार प्राप्त करने के क्या कारण बताए थे? क्या वे कारण वास्तव में वैध थे या वे फर्जी थे? पुलिस इसकी भी जाँच करेगी।
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