चंडीगढ़, 9 दिसम्बर : पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को यह बताने के कुछ सप्ताह बाद कि खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह का ‘एक भाषण’ राज्य में आग लगा सकता है, सरकार ने आज हिरासत का हवाला देते हुए संसद के चालू सत्र में भाग लेने के लिए उनकी पैरोल याचिका को खारिज करने की मांग की।
कानून व्यवस्था के लिए हिरासत जरूरी
मुख्य न्यायाधीश शील नागू की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश हलफनामे में पंजाब सरकार ने कहा कि, “हिरासत के आधार की गंभीरता, उससे उत्पन्न याचिकाकर्ता के आचरण और राज्य की सुरक्षा एवं कानून-व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए, उसे 23 अप्रैल से अधिकतम 12 महीने की अवधि के लिए निरंतर हिरासत में रखना आवश्यक है।” इस संबंध में हलफनामा पंजाब के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक शेखर ने दायर किया है।
अमृतसर के ज़िला मजिस्ट्रेट ने नज़रबंदी के नए आधार में कहा है कि अमृतपाल सिंह राष्ट्र-विरोधी तत्वों, ख़तरनाक गैंगस्टरों और आतंकवादियों के साथ साज़िश रचते हुए पाया गया है और राज्य की सुरक्षा व क़ानून-व्यवस्था के लिए गंभीर ख़तरा पैदा कर रहा था। कथित तौर पर उसकी मंशा उन लोगों को ख़त्म करने की है जो उसकी पहचान सार्वजनिक रूप से उजागर करने की क्षमता रखते हैं।
अगली सुनवाई 11 दिसंबर
अमृतपाल सिंह के वकील ने हलफ़नामे के साथ जमा किए गए रिकॉर्ड की जाँच के लिए समय माँगा, जिसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर तय की है। इस बीच, पीठ ने अमृतपाल सिंह द्वारा तीसरी बार रासुका लगाए जाने की क़ानूनी वैधता को चुनौती देने वाली एक अलग याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है।
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