November 21, 2025

इन 4 संकेतों से पहचाने कि आपका बच्चा डिप्रेशन में है और सतर्क रहें..

इन 4 संकेतों से पहचाने कि आपका बच्चा...

नई दिल्ली, 28 जून : आजकल ज्यादातर लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। आमतौर पर आपने देखा होगा कि बुजुर्ग ही डिप्रेशन के शिकार होते हैं। इससे बचने के लिए वो कई तरीके अपनाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका बच्चा भी डिप्रेशन का शिकार हो सकता है? हंसते-खेलते बच्चे कब गुमसुम रहने लग जाते हैं पता ही नहीं चलता। इसका एक कारण ये भी है कि आजकल माता-पिता दोनों ही वर्किंग हैं। ऐसे में वो बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते।

कई बार इससे भी बच्चों में तनाव पैदा हो जाता है। आपको बता दें कि डिप्रेशन होने पर आपका बच्चा दूसरे बच्चों के मुकाबले सुस्त और गुमसुम रहने लग जाता है। उसे किसी भी काम में मजा नहीं आता और वो लोगों से बात करने से भी कतराने लगता है। जब बच्चा चुपचाप और अकेला रहने लग जाता है तो माता-पिता को लगता है कि ये उसकी आदत है, लेकिन ऐसा हर बार नहीं होता।

जब बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं तो कुछ लक्षण दिखने लगते हैं, जिन्हें पहचानना माता-पिता के लिए ज़रूरी है। ऐसे समय में माता-पिता को बच्चे को समय देना चाहिए और उसकी समस्याओं के बारे में पूछना चाहिए। आज का लेख इसी विषय पर है। हम आपको बच्चों में डिप्रेशन के कुछ लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं-

बच्चों में अवसाद के कारण

पारिवारिक इतिहास

डिलीवरी के दौरान कोई समस्या

घर में कलह का माहौल

मन में किसी बात को लेकर डर होना

यौन दुव्र्यवहार का शिकार होना

दुखी होना

यदि आपका बच्चा उदास रहने लगा है या किसी भी कार्य के प्रति उसका उत्साह खत्म हो गया है, तो निश्चित रूप से आपका बच्चा डिप्रेशन से ग्रस्त है।
अपने आप से बात करना : अगर आपका बच्चा खुद से बात करने लगा है, तो आपको उस पर ध्यान देने की ज़रूरत है। डिप्रेशन में बच्चे अकेले बैठकर खुद से सवाल करने लगते हैं। उन्हें किसी भी बात पर गुस्सा आ जाता है, ये डिप्रेशन के लक्षण हैं।

चिड़चिड़ापन : जब आपका बच्चा उदास होता है, तो वह चिड़चिड़ा हो जाता है। वह बात-बात पर गुस्सा करने लगता है और अकेले रहना पसंद करता है।
भोजन में आनाकानी करना : जब बच्चे डिप्रेशन का शिकार होने लगते हैं, तो उनकी रोज़मर्रा की आदतें बदल जाती हैं। वे ठीक से खाना नहीं खा पाते। कई बार तो वे खाना भी छोड़ देते हैं।

माता-पिता को क्या करना चाहिए?

  • बच्चे के साथ समय बिताएं।
  • उनके विचारों को समझने का प्रयास करें।
  • बच्चे से खुलकर बात करें।
  • उनके साथ कोई खेल खेलें.
  • बच्चे को बाहर घुमाने ले जाएं।