November 20, 2025

मुकेश अंबानी की रिलायंस की रूसी कंपनी से बड़ी डील की तैयारी

मुकेश अंबानी की रिलायंस की रूसी...

नई दिल्ली, 30 जून : रूस की ऊर्जा कंपनी रोसनेफ्ट भारत में नायरा एनर्जी में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। सूत्रों के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज (आर.आई.एल) के साथ इस मामले में बातचीत की संभावनाएं बन रही हैं। पहले रोसनेफ्ट ने कई भारतीय कंपनियों से संपर्क किया था, लेकिन उन बातचीतों का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। सरकारी कंपनियों ने भी इस प्रस्ताव में रुचि नहीं दिखाई।

अब रिलायंस और रोसनेफ्ट के बीच शुरुआती बातचीत का दौर शुरू हो चुका है, हालांकि यह अभी शुरुआती चरण में है। रोसनेफ्ट अपनी हिस्सेदारी के लिए 20 अरब डॉलर की मांग कर रही है, जो कि इतनी अधिक राशि होने के कारण पहले कई कंपनियों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई।

रोसनेफ्ट ने कम की कीमतें

सूत्रों के अनुसार, रोसनेफ्ट ने अपनी मांग को संशोधित करते हुए इसे 17 अरब डॉलर तक कम कर दिया है। फिर भी, यह राशि रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए बहुत ज्यादा है। हालांकि, रिलायंस ने इसे केवल बाजार की अफवाह करार दिया है। यदि यह बातचीत सफल होती है, तो रिलायंस भारत की सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी बन जाएगी, जिससे वह इंडियन ऑयल को पीछे छोड़ देगी। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस, गुजरात के जामनगर में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी का संचालन करती है, जिसकी वार्षिक क्षमता 68 मिलियन टन है।

रिफाइनिंग कैपेसिटी

नायरा का अधिग्रहण करने से रिलायंस की क्षमता 20 मिलियन टन प्रति वर्ष बढ़ जाएगी। इससे इंडियन ऑयल की 80.7 मिलियन टन की क्षमता से ज्यादा हो जाएगी। इसके साथ ही, रिलायंस का बाजार में दबदबा भी बढ़ेगा। उसे 6,750 पेट्रोल पंप मिलेंगे। अभी रिलायंस के पास जियो-बीपी ब्रांड के तहत 1,700 से ज्यादा पेट्रोल पंप हैं। रोसनेफ्ट पिछले साल से नायरा से बाहर निकलने की कोशिश कर रही है।

2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों की वजह से रोसनेफ्ट अपने मुनाफे को वापस रूस नहीं भेज पा रही है। यह भी साफ नहीं है कि अगर सौदा हो जाता है, तो रोसनेफ्ट बिक्री से मिलने वाले पैसे को कैसे वापस भेजेगी।

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