वाशिंगटन, 24 जुलाई : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रमुख तकनीकी कंपनियों जैसे गूगल और माइक्रोसॉफ्ट को एक स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने इन कंपनियों से आग्रह किया है कि वे भारत जैसे देशों में विदेशी कर्मचारियों की भर्ती को समाप्त करें। वाशिंगटन में आयोजित एआई समिट के दौरान ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिकी कंपनियों को चीन में फैक्ट्रियां स्थापित करने या भारतीय तकनीकी श्रमिकों को नौकरी देने के बजाय अपने देश में रोजगार सृजन पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उनका मुख्य उद्देश्य यह है कि अमेरिकी नागरिकों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर मिलें, जिससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।
कंपनियों को अमरीकी हितों का ध्यान रखना चाहिए
राष्ट्रपति ट्रंप ने टेक इंडस्ट्री के ‘ग्लोबल माइंडसेट’ की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस रवैये की वजह से कई अमेरिकी उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। ट्रंप ने दावा किया कि कुछ टॉप अमेरिकी कंपनियों ने देश की स्वतंत्रता का गलत फायदा उठाकर मुनाफा कमाया है।
देश के बाहर भारी निवेश किया है। उन्होंने कहा कि अब मेरे कार्यकाल में इस तरह की चीजें नहीं हो सकेंगी। ट्रंप की पॉलिसी ही ‘अमेरिका फस्र्ट’ की है, जिसके तहत वह सबसे पहले अमेरिकी नागरिकों और देश का भला चाहते हैं।
आजादी का गलत फायदा उठा रही कंपनियां
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘हमारी बहुत सी बड़ी टेक कंपनियों ने अमेरिकी स्वतंत्रता का फायदा उठाकर चीन में फैक्ट्री बनाई हैं, भारत में वर्कर्स की हायरिंग की है और आयरलैंड में प्रॉफिट जमा किया है, आप लोग भी ये बात जानते हैं। इस दौरान उन्होंने अपने ही देश में अपने नागरिकों को नजरअंदाज और सेंसर भी किया है। राष्ट्रपति ट्रंप के शासन में वे दिन अब लद गए हैं।’
ट्रंप ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दौड़ में सफल होने के लिए केवल सिलिकॉन वैली ही नहीं, बल्कि उससे भी आगे की सोच और देशभक्ति की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका को ऐसी कंपनियों की आवश्यकता है जो पूरी तरह से देश के प्रति समर्पित हों। उनका स्पष्ट संदेश था कि अमेरिकी कंपनियों को अपने देश को प्राथमिकता देनी चाहिए, और यह एक अनिवार्यता है।
इस समिट के दौरान, ट्रंप ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित तीन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए, जो इस क्षेत्र में अमेरिका की स्थिति को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं।
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