October 6, 2025

राहुल गांधी का ट्रंप के ‘डैड इकानॉकी’ ब्यान को समर्थन, कांग्रेसी नेताओं का नहीं

राहुल गांधी का ट्रंप के ‘डैड इकानॉकी’ ब्यान को...

नई दिल्ली, 1 अगस्त : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को ‘डेड इकोनॉमी’ करार दिए जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधने का प्रयास किया। उन्होंने ट्रंप के इस बयान को सही ठहराते हुए भारतीय आर्थिक स्थिति की गंभीरता को उजागर किया। हालांकि, राहुल गांधी की अपनी पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने इसके विपरीत बयान देते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था के अच्छे प्रदर्शन की बात की।

राहुल बोले मुझे खुशी है ट्रंप ने ऐसा कहा!

जब संसद परिसर में राहुल गांधी से डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान पर मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा, हां, वो (ट्रंप) सही हैं. प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को छोडक़र हर कोई यह जानता है। राहुल गांधी ने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा है। फिर आप क्यों ये सवाल पूछ रहे हैं। पूरी दुनियां जानती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक ‘डेड इकोनॉमी है।’ बीजेपी ने इस इकोनॉमी को खत्म किया है, क्यों खत्म किया है? अदानी की मदद करने के लिए अर्थव्यवस्था को खत्म कर दिया है।

शशि थरूर और राजीव शुक्ला अर्थव्यवस्था को बताया मजबूत

पार्टी के दो प्रमुख नेताओं, शशि थरूर और राजीव शुक्ला, ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को सकारात्मक रूप से प्रस्तुत किया है। शशि थरूर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता काफी चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि भारत यूरोपीय संघ के साथ भी संवाद कर रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत पहले ही ब्रिटेन के साथ एक समझौता कर चुका है और अन्य देशों के साथ भी बातचीत जारी है।

थरूर ने यह स्पष्ट किया कि यदि भारत अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाता है, तो उसे अन्य बाजारों में विकल्पों की तलाश करनी होगी, और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के पास विकल्पों की कोई कमी नहीं है।

अमेरिका की मांगे उचित नहीं तो आगे बढऩा ठीक

थरूर ने आगे कहा कि यदि अमेरिका की मांगें उचित नहीं होती हैं, तो भारत को अन्य दिशा में बढऩे की आवश्यकता होगी, जो कि भारत की ताकत है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से निर्यात पर निर्भर नहीं है, जैसा कि चीन की स्थिति है। भारत का घरेलू बाजार मजबूत और विशाल है।

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