October 6, 2025

भागवत ने भाजपा को आरएसएस के अधीन करने के दावों को खारिज किया

भागवत ने भाजपा को आरएसएस के अधीन...

नागपुर, 29 अगस्त : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने आज यहां स्पष्ट किया कि वह अपने सहयोगी संगठनों के आंतरिक मामलों पर निर्णय नहीं लेता है तथा ये संगठन अपने मामलों को संभालने और प्रबंधित करने के लिए स्वतंत्र और स्वायत्त हैं। भाजपा के साथ संबंधों और इस धारणा पर कि संघ अपने संगठनों से जुड़े हर फैसले लेता है, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आज यहाँ कहा कि आरएसएस ये चीजें तय नहीं करता।

नए भाजपा अध्यक्ष के चुनाव में हो रही देरी के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए भागवत ने कहा, “यह कहना पूरी तरह गलत है कि आरएसएस हर फैसला लेता है… अगर हम फैसला ले रहे होते, तो क्या इसमें इतना समय लगता?” उन्होंने भाजपा को संदेश देते हुए कहा, “अपना समय लीजिए। हमें कुछ नहीं कहना है।”

उन्होंने कहा, “केंद्र और राज्य की सभी सरकारों के साथ हमारा अच्छा समन्वय है, लेकिन कभी-कभी व्यवस्थाओं में आंतरिक विरोधाभास होते हैं। कुर्सी पर बैठा व्यक्ति भले ही हमारे साथ पूरी तरह से सहमत हो, उसे बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हमें उसे स्वतंत्रता देनी होगी। कहीं कोई शिकायत नहीं है।”

कभी-कभी संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है

उन्होंने भाजपा के साथ तनाव की बात को खारिज करते हुए कहा, “हमारे विचारों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हमारे दिलों में कभी मतभेद नहीं होते।” उन्होंने कहा कि आरएसएस और उसके संगठन ‘राष्ट्र प्रथम’ की नीति पर काम करते हैं और इसलिए मतभेद सुलझ गए। उन्होंने कहा, “मतभेद विचारधाराओं से पैदा होते हैं। हमारे विचारों में कुछ मतभेद हो सकते हैं, लेकिन नीयत में कोई अंतर नहीं है।”

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