November 20, 2025

एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब पीओके के लोग घर लौटेंगे: राजनाथ सिंह

एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब पीओके...

नई दिल्ली, 29 जुलाई : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर को तीनों सेनाओं के बीच समन्वय का एक अभूतपूर्व उदाहरण बताया और कहा कि आज का भारत बर्दाश्त करने में नहीं, बल्कि करारा जवाब देने में विश्वास रखता है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि पीओके के लोग एक दिन ज़रूर घर लौटेंगे। रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को साफ़ शब्दों में चेतावनी दी कि अगर उसकी तरफ़ से कोई आतंकी हरकत हुई तो ऑपरेशन सिंदूर को फिर से शुरू करने में ज़रा भी देर नहीं की जाएगी।

हमने निर्धारित लक्ष्य पूरे किए

सिंह ने राज्यसभा में “पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर'” पर विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) के स्तर पर संपर्क किया था और अनुरोध किया था कि इस ऑपरेशन को अभी रोक दिया जाए। मैं सदन को यह भी बताना चाहता हूँ कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य किसी क्षेत्र पर कब्ज़ा करना नहीं था।

इसका उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा वर्षों से पोषित आतंकवाद की नर्सरी को नष्ट करना था। यह उन लोगों को न्याय दिलाना था जिन्होंने पाक प्रायोजित पहलगाम हमले में अपने प्रियजनों को खोया था। रक्षा मंत्री ने कहा, “10 मई की सुबह, जब भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के कई हवाई अड्डों पर हमला किया, तो पाकिस्तान ने हार मान ली और संघर्ष रोकने की पेशकश की।”

उच्च सदन में चर्चा की शुरुआत में, सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को मार गिराने के लिए सेना और सुरक्षा बलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा सुनिश्चित करने में देश के रक्षा बलों की भूमिका की जितनी सराहना की जाए कम है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा को विस्तार से बताया कि सोमवार को सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान चलाया।

इस अभियान में मारे गए आतंकवादियों से बरामद हथियारों की फोरेंसिक जाँच से पता चला है कि ये वही हथियार थे जिनका इस्तेमाल पहलगाम आतंकी हमले में किया गया था। अप्रैल में, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में आतंकवादियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की बेरहमी से हत्या कर दी थी।

यह भी देखें : भारतीय सेना ने पहलगाम हमले दे दोषी आतंकवादियो को उतारा मौत के घाट