लुधियाना, 15 दिसम्बर : पंजाब सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए एनओसी की अनिवार्यता समाप्त कर दी है, लेकिन आम लोगों की समस्याएं थमती नहीं दिख रही हैं। नगर निगम की सीमा से बाहर स्थित अनधिकृत कॉलोनियों और ग्रामीण क्षेत्रों में एनओसी की अनिवार्यता समाप्त होने के बाद बिजली मीटर के लिए आवेदन करने वाले उपभोक्ताओं की बाढ़ आ गई है।
मीटरों की भारी कमी, लंबी प्रतीक्षा सूची
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन की एमई लैब में पर्याप्त बिजली मीटरों की कमी के कारण, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे उपभोक्ताओं की एक लंबी सूची लंबित है। बताया जा रहा है कि लुधियाना शहर से संबंधित पावरकॉम विभाग के 9 अलग-अलग विभागों में स्थिति ऐसी हो गई है कि अधिकारियों को न केवल नए बिजली मीटरों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि विभाग बिजली के तारों और बक्सों की कमी से भी जूझ रहा है।
लुधियाना की 9 डिवीजनों में हालात चिंताजनक
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, पावरकॉम विभाग के कर्मचारी नए बिजली मीटर लगाने के बजाय उपभोक्ताओं के घरों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और कारखानों में लोहे के बक्से लगाकर उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ डाल रहे हैं और सीधे उपभोक्ताओं से पैसे की मांग कर रहे हैं, जो रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला है।
खराब मीटर नहीं बदले जा रहे
दरअसल, पावरकॉम विभाग के अधिकांश विभागों में स्थिति ऐसी है कि अधिकारियों की बार-बार शिकायत के बावजूद, उपभोक्ताओं के घरों में लगे टूटे-फूटे बिजली मीटर अभी तक बदले नहीं गए हैं, जबकि पावरकॉम विभाग बिना किसी देरी के और बिना एनओसी के बिजली मीटर लगाने के बड़े-बड़े दावे कर रहा है, जबकि वास्तविकता दावों के बिल्कुल विपरीत है।
क्या एसडीओ और पावरकॉम विभाग की कार्रवाई जानबूझकर उपभोक्ताओं को परेशान कर रही है या वे बिजली मीटरों की कमी दिखाकर और उपभोक्ताओं को बार-बार बिजली कार्यालय के चक्कर लगवाकर अपनी जेबें भर रहे हैं? यह गंभीर मामला जांच के दायरे में है।
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