चंडीगढ़, 15 अक्तूबर : कांग्रेस पंजाब में बड़ा फेरबदल करने जा रही है। पार्टी जिला अध्यक्षों और संगठन सृजन को लेकर बड़ा फेरबदल करने की तैयारी में है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल संगठन सृजन को लेकर लगातार दो दिनों से बैठकें कर रहे हैं। सोमवार को उन्होंने जिलों में पार्टी द्वारा तैनात पर्यवेक्षकों और प्रदेश प्रभारी भूपेश बघेल के साथ बैठक की, और मंगलवार को पंजाब प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, चरणजीत सिंह चन्नी और विजय इंदर सिंगला के साथ बैठक की। इन बैठकों में लगभग तय हो गया है कि पार्टी बड़े पैमाने पर जिला अध्यक्षों के चेहरे बदलेगी।
पंजाब में कांग्रेस के 29 राजनीतिक जिले हैं
अब तक ज्यादातर जिलों में पार्टी ने उन्हें जिला अध्यक्ष बनाया था, जो 2022 का विधानसभा चुनाव हार गए थे। इन हारे हुए विधायकों को एडजस्ट करने के लिए ही उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी। पार्टी अब अपनी नीति में बदलाव करने जा रही है। अब नए चेहरों को आगे लाया जाएगा और 2027 के विधानसभा चुनाव के संभावित उम्मीदवारों को संगठन के काम से मुक्त किया जाएगा ताकि वे चुनाव की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित कर सकें। गौरतलब है कि पंजाब में कांग्रेस के 29 राजनीतिक जिले हैं।
2022 में राज्य की कमान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के हाथों में आने के बाद जिला कमेटियों का गठन किया गया था। जिला अध्यक्षों का कार्यकाल तीन साल पूरा हो चुका है। हालांकि, कांग्रेस में जिला अध्यक्षों के कार्यकाल की कोई समय सीमा तय नहीं है।
पर्यवेक्षकों द्वारा ज़िला अध्यक्षों के कामकाज और ज़िलों में जाकर संभावित ज़िला अध्यक्ष कौन हो सकते हैं, इस पर तैयार की गई रिपोर्ट पर वेणुगोपाल के साथ लंबी चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि कई ज़िला अध्यक्षों की रिपोर्ट अच्छी नहीं थी। वहीं, पार्टी महासचिव ने भी पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर ज़िला अध्यक्षों से चर्चा की। सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने बड़े पैमाने पर ज़िला अध्यक्षों को बदलने का फ़ैसला किया है।
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