नई दिल्ली, 25 जुलाई : भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच गुरुवार को हुए ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के बाद, प्रीमियम स्कॉच व्हिस्की और जिन जैसे आयातित अल्कोहल ब्रांड अब भारत में काफी सस्ते हो जाएँगे। इससे न केवल स्कॉच प्रेमियों को बड़ी राहत मिलेगी, बल्कि शराब व्यापार क्षेत्र में भी नई ऊर्जा का संचार होगा।
आयात शुल्क 150% से घटाकर 75% कर दिया गया
वर्तमान में, भारत स्कॉच व्हिस्की जैसी आयातित प्रीमियम शराब पर 150% तक आयात शुल्क लगाता है, जिससे उनकी कीमतें आम उपभोक्ता के लिए वहन करने योग्य नहीं रह जातीं। एफटीए के बाद, यह शुल्क घटाकर 75% कर दिया गया है और अगले 10 वर्षों में इसे और घटाकर 40% करने की योजना है।
इस समझौते के तहत, ब्रिटेन से आयातित अन्य शराब ब्रांडों पर भी यही कर कटौती लागू होगी।
भारत में स्कॉच के मुख्य ब्रांड हैं:
जॉनी वॉकर (लाल, काला, डबल काला, हरा, सुनहरा, नीला लेबल)
चिवास रीगल
Glenfiddich
तालिस्कर
सिंगलटन
ग्लेनमोरंगी
जुरा
ग्रांट का
अब इन ब्रांडों की कीमतें संभावित रूप से 15-30% तक गिर सकती हैं, खासकर मेट्रो शहरों में, जहां इनकी खपत अधिक है।
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