नई दिल्ली, 19 सितंबर : उत्तरी दारफुर की राजधानी अल-फशर में शुक्रवार सुबह एक सूडानी अर्धसैनिक समूह ने कथित तौर पर एक मस्जिद में नमाज़ पढ़ रहे 43 नागरिकों की हत्या कर दी। सूडान डॉक्टर्स नेटवर्क ने शुक्रवार को बताया कि रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के ड्रोन हमले में मारे गए मुस्लिम नमाजियों में बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल थे।
गौरतलब है कि सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल आरएसएफ के बीच संघर्ष गृहयुद्ध में बदल गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इस संघर्ष में कम से कम 40,000 लोग मारे गए हैं।
सेना और आरएसएफ के बीच लड़ाई गृहयुद्ध में बदल गयी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अप्रैल 2023 में सेना और आरएसएफ के बीच लड़ाई बढ़ गई, जो गृहयुद्ध में बदल गई, जिसमें कम से कम 40,000 लोग मारे गए, 12 लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए और कई लोग अकाल के कगार पर पहुँच गए। अल फ़शेर एक साल से भी ज़्यादा समय से दोनों के बीच लड़ाई का केंद्र रहा है और दारफ़ुर क्षेत्र में सेना का आखिरी गढ़ है।
एनजीओ के एक बयान के अनुसार, गुरुवार को सबसे भीषण लड़ाई शहर के पश्चिमी और दक्षिणी भागों में केंद्रित थी, जहां निवासियों ने डारफुर पीड़ित सहायता संगठन (जो नागरिकों के विरुद्ध दुर्व्यवहारों पर नजर रखता है) को बताया कि उन्होंने जोरदार विस्फोटों की आवाज सुनी और ड्रोन का इस्तेमाल होते देखा।
एल फशर स्थित प्रतिरोध समिति ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि आरएसएफ ने शहर के विस्थापन आश्रयों में महिलाओं और बुजुर्गों सहित कई निहत्थे नागरिकों को निशाना बनाया। समूह ने बुधवार को यह भी कहा कि आरएसएफ ने भारी तोपखाने से बार-बार रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया।
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