चंडीगढ़, 18 मार्च : पंजाब में सक्रिय नशा तस्करों से निपटने के लिए सभी जिलों की मैपिंग की जाएगी। यह पता लगाया जाएगा कि कहां और किस तरह की दवाएं बेची जा रही हैं। डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि नशा तस्करों से निपटने के लिए नई योजना तैयार की गई है।
सभी विभागों के सहयोग से नशा उन्मूलन के लिए विभिन्न चरणों में कार्य किया जाएगा। हमारा मुख्य लक्ष्य दवा आपूर्तिकर्ता होंगे। सभी अधिकारियों के लक्ष्य निर्धारित कर दिए गए हैं। एसएसपी से लेकर थाना प्रभारी तक सभी की कार्य क्षमता का मूल्यांकन किया जाएगा।
पंजाब में अशांति फैलाने का प्रयास
डीजीपी ने कहा कि अब प्रदेश के सभी जिलों के थानों में तैनात मुंशी का कार्यकाल सिर्फ दो साल का होगा। इसके बाद इन्हें घुमाया जाएगा। सरकार द्वारा चलाए जा रहे नशा विरोधी अभियान को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
इस ऑपरेशन से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और उसके तस्करों को नुकसान हो रहा है। ऐसे में पाकिस्तान अब पंजाब में अशांति फैलाकर पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन पुलिस इन मंसूबों को पूरा नहीं होने देगी।
पंजाब में विस्फोट क्यों हो रहे हैं?
इससे पहले डीजीपी यादव ने पंजाब पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें एडीजीपी से लेकर आईजी स्तर तक के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में नशीले पदार्थों से निपटने के संबंध में सभी सुझावों पर विस्तार से चर्चा की गई। गौरव यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस का नशे के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।
एक सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि राज्य में हुए 90 फीसदी धमाकों के पीछे की साजिश का खुलासा हो चुका है।
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