हैदराबाद, 31 अक्तूबर : हैदराबाद में डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर साइबर अपराधियों द्वारा 51 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। यहां आरोपियों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का एसीपी बताकर 78 वर्षीय एक बुजुर्ग को धमकाया और कहा कि उनके मोबाइल फोन का सिम बम विस्फोटों और अपहरण के मामलों में इस्तेमाल किया गया है।
दरअसल, जालसाज़ों ने हैदराबाद के श्रीनगर कॉलोनी निवासी एक सेवानिवृत्त केंद्र सरकार के कर्मचारी को यह कहकर धमकाया कि उनके नाम पर और भी लोगों ने सिम कार्ड हासिल किए हैं। उन्होंने उन्हें सीबीआई का नोटिस भी दिखाया और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया।
वीडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल गिरफ्तारी
मुंबई क्राइम ब्रांच का एसीपी बनकर, आरोपी ने एक 78 वर्षीय पेंशनभोगी को वीडियो कॉल के ज़रिए डिजिटली गिरफ्तार कर लिया। जालसाज़ ने उसे किसी और को कॉल करने से रोक दिया और उसके बैंक खाते की सारी जानकारी हासिल कर ली। इसके बाद धोखेबाज ने मामले में खुद को बचाने के लिए बुजुर्ग व्यक्ति से अपने खाते से 95 प्रतिशत धनराशि स्थानांतरित करने को कहा और जांच के बाद धनराशि वापस करने का वादा किया।
पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
आगे और भी गड़बड़ होने के डर से, बुज़ुर्ग व्यक्ति ने ₹51 लाख ट्रांसफर कर दिए। बाद में जब उन्हें ठगी का अहसास हुआ, तो उन्होंने साइबर क्राइम पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।
इससे पहले भी ऐसा ही मामला दर्ज किया जा चुका है।
गौरतलब है कि इसी हफ्ते हैदराबाद में भी एक ऐसी ही घटना सामने आई थी, जहाँ 73 वर्षीय एक महिला से ₹1.43 करोड़ की ठगी की गई थी। इस मामले में, धोखेबाजों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर उन्हें धमकाया था। धोखेबाज ने गिरफ्तारी वारंट और सीबीआई का खाता फ्रीज करने का आदेश भी दिखाया था। गिरफ्तारी के डर से, महिला ने धोखेबाज को पैसे ट्रांसफर कर दिए।

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