चंडीगढ़, 23 नवम्बर : बाबा फ़रीद यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज़ ने क्वालिफिकेशन एंड असेसमेंट इंटरनेशनल (क्यूएआई) यूके के सहयोग से “इंटरनेशनल डिप्लोमा इन केयर-गिविंग” कोर्स शुरू किया है। 40 अकादमिक क्रेडिट का यह कोर्स युवाओं को केयर-गिविंग के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्रदान करके देश-विदेश में रोज़गार के अवसर प्रदान करेगा। देश-विदेश में अस्पतालों, वृद्धाश्रमों और होम सर्विसेज़ में इस कोर्स की माँग बड़े पैमाने पर तेज़ी से बढ़ रही है।
बाबा फ़रीद यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज़ के कुलपति डॉ. राजीव सूद ने एक प्रेस वार्ता के दौरान इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यह डिप्लोमा 12वीं पास छात्रों के लिए शुरू किया गया है जो उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार पाठ्यक्रम के माध्यम से नौकरियों के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करता है। डिप्लोमा पास छात्रों को भारत के साथ-साथ यूके, जर्मनी, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी रोज़गार के अवसर मिलेंगे।
नौकरी के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ जोड़ता है
विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किए गए क्रेडिट का उपयोग भविष्य में उच्च शिक्षा के लिए भी किया जा सकता है, जिससे छात्रों को शैक्षणिक और व्यावसायिक रूप से आगे बढ़ने में मदद मिलती है। यह पाठ्यक्रम कक्षा शिक्षा को व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ जोड़ता है जो छात्रों को पहले दिन से ही नौकरी के लिए तैयार करता है।
इस दौरान, डॉ. संदीप सिंह कौरा ने कहा कि भारत सरकार के स्किल इंडिया मिशन और एनएसडीसी से जुड़ा यह डिप्लोमा कोर्स, कक्षा-आधारित शिक्षा और व्यावहारिक प्रशिक्षण का संयोजन है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि डिप्लोमा प्राप्त करने वाले पहले दिन से ही नौकरी के लिए तैयार हों। यह समझौता भारत के युवाओं को ऐसे करियर के लिए तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है जो घरेलू स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं, देखभाल की वैश्विक माँग और उच्च शिक्षा में उन्नति को पूरा करते हैं।
यह भी देखें : 350वीं शहीदी जयंती पर 25 तारीख को हरियाणा में अवकाश घोषित

More Stories
गृह मंत्रालय ने चंडीगढ़ में हरियाणा की अलग विधानसभा की मांग खारिज की
अकाली दल ने बलदेव मान और वीरेंद्र बाजवा को कोर कमेटी का सदस्य नियुक्त किया
पंजाब में 44920 किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई जाएंगी: भगवंत मान