नई दिल्ली, 10 जुलाई : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कहा है कि किसी जूनियर छात्र को सीनियर द्वारा व्हाट्सएप पर परेशान करना अब रैगिंग माना जाएगा। ऐसा करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यूजीसी ने इस संबंध में कई सख्त निर्देश जारी किए हैं। इसने उच्च शिक्षण संस्थानों को उन अनौपचारिक व्हाट्सएप ग्रुपों पर नजर रखने का निर्देश दिया है जो जूनियर्स को परेशान करने के लिए बनाए जाते हैं।
हर साल, यूजीसी को नए छात्रों से जूनियर्स को परेशान करने की दर्जनों शिकायतें मिलती हैं। यूजीसी ने अपने नए निर्देशों में कहा है, ‘कई मामलों में, यह देखा गया है कि सीनियर्स अनौपचारिक व्हाट्सएप ग्रुप बनाते हैं, उनमें जूनियर्स को शामिल करते हैं और फिर उन्हें मानसिक यातना का हिस्सा बनाते हैं। यह भी रैगिंग के अंतर्गत आता है, इसलिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।’
छात्रों की सुरक्षा सबसे अहम
यूजीसी ने कहा है, ‘कैंपस में छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। एंटी-रैगिंग नियमों को लागू करने में विफलता के परिणामस्वरूप संस्थानों के खिलाफ कई ठोस कदम उठाए जा सकते हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने ऐसी ही घटनाओं का भी जिक्र किया है जहां सीनियर्स के ‘आदेश’ का पालन नहीं करने पर जूनियर्स को सामाजिक बहिष्कार की धमकी दी जाती है।
छात्रों को बाल कटवाने, देर तक जागने और फिर मौखिक रूप से अपमानित करने के लिए मजबूर किया जाता है।
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