July 7, 2025

अमृतसर पुलिस मुठभेड़ मामले में हाईकोर्ट ने मुआवजा देने का आदेश दिया

अमृतसर पुलिस मुठभेड़ मामले...

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसले में पंजाब सरकार को 2013 में कथित फर्जी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए एक युवक की मां को 15 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति हरप्रीत सिंह बराड़ ने स्पष्ट किया कि कानून के दायरे से बाहर जाकर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई स्वीकार नहीं की जा सकती और ऐसी घटनाएं ‘कानून के शासन’ की नींव हिला देती है।यह मामला अमृतसर के कैंटोनमेंट थाना क्षेत्र का है। 23 मई 2013 को 22 वर्षीय अरविंदर पाल सिंह उर्फ ​​लवली की गोली लगने से मृत्यु हो गई। मृतक की मां, याचिकाकर्ता दलजीत कौर ने आरोप लगाया था कि उसके बेटे को पुलिस हेड कांस्टेबल प्रेम सिंह ने बिना किसी चेतावनी के बहुत करीब से सीने में गोली मार दी थी, जब वह नाई की दुकान पर बैठा था।

पुलिस ने दावा किया था कि मृतक एक भगोड़ा अपराधी था और उसने एक पुलिसकर्मी पर चाकू से हमला किया था, जिसके बाद आत्मरक्षा में गोली चलाई गई थी। इसके समर्थन में पुलिस ने झूठी एफआईआर दर्ज की थी। हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ तौर पर पता चला है कि गोली काफी नजदीक से मारी गई थी और शरीर पर इसके निशान भी मौजूद थे। यह भी उल्लेखनीय था कि मृतक के पैरों पर कोई चोट नहीं थी, जिससे पता चलता है कि उसे चेतावनी देने का कोई प्रयास नहीं किया गया था।

उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ता को आठ सप्ताह के भीतर 15 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया और यह भी स्पष्ट किया कि पीड़ित अन्य कानूनी विकल्पों का भी सहारा ले सकता है। साथ ही मजिस्ट्रेट को मामले पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया गया।