नई दिल्ली, 4 नवम्बर : भारत सरकार अब चीन से आयातित उत्पादों के लिए अनुमोदन प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए कदम उठा रही है। पिछले कुछ महीनों में भारत-चीन संबंधों में आई गिरावट और घरेलू बाज़ार में बढ़ती माँग के मद्देनज़र यह फ़ैसला लिया गया है। 2020 में सीमा पर हुई झड़पों के बाद, भारत ने चीन से आयातित कई वस्तुओं, जैसे इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स, स्टील, जूते और घरेलू उत्पादों, की मंज़ूरी लगभग रोक दी थी, लेकिन अब स्थिति बदलती दिख रही है।
सरकार अपना रुख क्यों बदल रही है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हाल ही में हुई मुलाकात से दोनों देशों के संबंधों में सुधार के संकेत मिले हैं। इसके बाद सीधी उड़ानें और व्यावसायिक वीज़ा जारी करने की प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है। अब, केंद्र सरकार उन विदेशी कंपनियों के लिए अनुमोदन प्रक्रिया को आसान बना रही है जिनके उत्पाद भारतीय बाजार के लिए ज़रूरी हैं।
डीपीआईआईटी पहल
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने हाल ही में उद्योगों से विदेशी विनिर्माण इकाइयों, खासकर चीन स्थित विनिर्माण इकाइयों, के लिए लंबित स्वीकृतियों की जानकारी मांगी है। सरकार बाजार में आवश्यक वस्तुओं की कमी से बचने के लिए इन लंबित फाइलों को शीघ्र निपटाने की योजना पर काम कर रही है।
त्योहारी सीज़न का दबाव: बढ़ी हुई मांग
जीएसटी दरों में कटौती के बाद, टीवी, वाशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर और डिशवॉशर जैसे उत्पादों की बिक्री में तेज़ी से वृद्धि हुई है। कई ब्रांड अब स्टॉक की कमी से जूझ रहे हैं, जिससे आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव बढ़ रहा है। नतीजतन, सरकार ने बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) को अनुमोदन प्रक्रिया में तेज़ी लाने का निर्देश दिया है ताकि विदेशी आपूर्तिकर्ताओं के उत्पाद समय पर भारत पहुँच सकें।
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