नई दिल्ली/मास्को, 30 मई : भारत के मित्र देश रूस ने पाकिस्तान के साथ एक आधुनिक स्टील प्लांट के निर्माण के लिए समझौते को अंतिम रूप दिया है। यह समझौता 2015 से बंद पड़े सोवियत-निर्मित स्टील प्लांट को फिर से शुरू करेगा। पाकिस्तानी अधिकारियों और रूसी प्रतिनिधि डेनिस नजरूफ़ ने इस समझौते की पुष्टि की है। इस परियोजना का उद्देश्य पाकिस्तान की सालाना स्टील आयात को 30 प्रतिशत तक कम करना है, जिससे 11.2 मिलियन मीट्रिक टन की खपत अंतर के साथ जुड़े 2.6 बिलियन डॉलर के आयात बिल में कटौती आएगी।
प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ के साथ 2.6 बिलियन डॉलर के इस मेगा-समझौते ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की इस्लामाबाद के प्रति बढ़ती नजदीकी को लेकर नई दिल्ली में चिंता और नाराजगी पैदा कर दी है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह आर्थिक संबंध भविष्य में गहरे सैन्य और तकनीकी सहयोग के रास्ते खोल सकते हैं।
भारत-विरोधियों की ओर झुकाव पर बढ़ी चिंता
पुतिन का भारत के कट्टर विरोधी पाकिस्तान की ओर झुकाव पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में चिंता का विषय बनता जा रहा है। पाकिस्तान और रूस के बीच पिछले कुछ वर्षों में संबंधों में लगातार नजदीकी आई है। दोनों देशों के बीच गैस पाइपलाइन परियोजना पर भी तेजी से काम चल रहा है।
इसके अलावा, 2023 में दोनों देशों के बीच कच्चे तेल को लेकर एक समझौता हुआ था, जिसके तहत पाकिस्तान को सस्ता तेल उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही पाकिस्तान और रूस के बीच सीधी समुद्री मालवाहक सेवा (सी-कार्गो सर्विस) की भी शुरुआत की गई है।
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