चंडीगढ़, 14 अक्तूबर : हरियाणा सरकार के अनुसूचित जाति के कैबिनेट मंत्री जब आईपीएस पूरन कुमार के परिजनों को पोस्टमार्टम के लिए राजी नहीं कर पाए, तो केंद्र की भाजपा सरकार ने विवाद सुलझाने की जिम्मेदारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले को सौंप दी। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि वह वाई पूरन कुमार के परिजनों को न्याय दिलाने आए हैं।
वाई. पूरन कुमार की आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से अलग-अलग मुलाकात के बाद रामदास अठावले ने बताया कि वाई. पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार इस बात पर अड़ी हैं कि डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के पूर्व एसपी नरेंद्र बिजरानिया को गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी बात की है, जो कह रहे हैं कि परिवार को पूरा न्याय मिलेगा, लेकिन पहले पोस्टमार्टम कराया जाए।
गौरतलब है कि वाई. पूरन कुमार का पोस्टमार्टम सात दिनों तक नहीं हो पाया था। पूरन कुमार के अंतिम नोट में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और डीजीपी शत्रुजीत कपूर समेत 15 वर्तमान और सेवानिवृत्त उच्च अधिकारियों के नाम हैं।
अमनीत पी. कुमार स्वयं निर्णय लेने की स्थिति में नहीं हैं
हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की मौत के मामले में परिवार के अड़ियल रवैये को देखते हुए अब सरकार भी पीछे हटती दिख रही है। हरियाणा सरकार के दोनों कैबिनेट मंत्रियों कृष्ण कुमार बेदी और कृष्ण लाल पंवार ने अमनीत पी. कुमार के परिवार से बात नहीं की।
पीड़ित परिवार एक बार भी सामने नहीं आया है, लेकिन अमनीत के भाई और बठिंडा से आम आदमी पार्टी के विधायक अमित रतन कोटफत्ता मामले की कमान संभाल रहे हैं। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि अमनीत पी. कुमार इस मामले में खुद कोई फैसला लेने की स्थिति में नहीं हैं। परिवार और रिश्तेदार अड़े हुए हैं, जिनका नेतृत्व आप विधायक अमित रतन कोटफत्ता कर रहे हैं।
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