November 21, 2025

दिल्ली के सीलमपुर में इमारत गिरने से कई लोग मलबे में दबे

दिल्ली के सीलमपुर में इमारत...

नई दिल्ली, 12 जुलाई : शनिवार की सुबह वेलकम क्षेत्र में स्थित एक चार मंजिला इमारत के ढहने की घटना ने शहर में हड़कंप मचा दिया। ईदगाह के निकट स्थित इस इमारत के गिरने से कई लोग मलबे में दब गए, जिसके बाद राहत और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचा और प्रभावित लोगों को मलबे से बाहर निकाला। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली में इस तरह की घटना हुई हो; पिछले कुछ महीनों में मुस्तफाबाद, करोल बाग, आजादपुर, बिहारी कॉलोनी और शाहदरा जैसे क्षेत्रों से लगातार इमारतों के ढहने और जर्जर होने की खबरें आई हैं।

इस प्रकार के हादसों के पीछे क्या कारण हैं, यह एक गंभीर प्रश्न है, क्योंकि इन घटनाओं में लोगों की जान जा रही है। इसके बावजूद, इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिससे चिंता और बढ़ रही है।

पुरानी और जर्जर इमारतें

दिल्ली में कई इमारतें दशकों पुरानी हैं। ऐसे में इनका रखरखाव ठीक नहीं हुआ है। बारिश या अन्य प्राकृतिक कारणों से ये जर्जर संरचनाएं कमजोर होकर ढह जाती हैं। उदाहरण के लिए, करोल बाग और नबी करीम में हाल की घटनाओं में पुरानी इमारतों के ढहने की बात सामने आई है।

निर्माण में खामियां

कुछ मामलों में, निर्माण के दौरान मानकों का पालन न करना या लो क्वालिटी का सामान का यूज इमारतों को कमजोर करता है। आजाद मार्केट और सीलमपुर की घटनाओं में प्रारंभिक जांच में निर्माण दोष को संभावित कारण बताया गया है। राजधानी के कुछ इलाकों में अवैध निर्माण या नालों को पाटकर बनाए गए मकान हादसों का कारण बन रहे हैं। यह समस्या विशेष रूप से अनधिकृत कॉलोनियों में देखी गई है। मकानों के असमय और अचानक ढहने के लिए पीछे अवैध निर्माण भी एक प्रमुख वजह के रूप में सामने आया है।

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