December 31, 2025

खाने-पीने की चीजों पर एक जनवरी से लागू होंगे नए नियम

खाने-पीने की चीजों पर एक ...

नई दिल्ली, 31 दिसम्बर : नए साल में बाजार में आने वाले खाद्य उत्पादों के लिए अब सिर्फ दावों पर मंजूरी नहीं दी जाएगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने स्पष्ट किया है कि किसी भी उत्पाद की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने पर, दावों के बजाय ठोस वैज्ञानिक सबूत प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।

FSSAI ने कड़े वैज्ञानिक मानक लागू किए

1 जनवरी, 2026 से सभी नए आवेदन और खाद्य मानकों में बदलाव एक तय, मानकीकृत प्रारूप में ही स्वीकार किए जाएंगे। नए नियम के तहत, आवेदन में पोषण संबंधी जानकारी, एलर्जी के जोखिम और अन्य जानकारियों का विवरण देना अनिवार्य होगा। यह नियम केवल नए उत्पाद या मौजूदा उत्पाद की समीक्षा के लिए लागू होगा; पहले से बाजार में मौजूद उत्पादों की दोबारा जांच नहीं की जाएगी।

FSSAI के विज्ञान और मानक प्रभाग द्वारा प्रस्तुत डेटा की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद विशेषज्ञ पैनल तय करेगा कि किसी उत्पाद को मंजूरी दी जा सकती है या नहीं। अधिकारियों ने कहा कि पैकेटबंद खाद्य पदार्थों के बढ़ते उपयोग के कारण खान-पान की आदतों पर अधिक ध्यान देना आवश्यक हो गया है।

विशेषज्ञ की राय

अखिल भारतीय आयुर्वेद विज्ञान संस्थान, झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की आहार विशेषज्ञ अंजली भोला का कहना है कि भारतीय खान-पान की आदतें, मात्रा और संवेदनशीलता अन्य देशों से काफी अलग हैं। इसलिए दीर्घकालिक सुरक्षा, लोगों द्वारा खाई जाने वाली मात्रा और संभावित एलर्जी जोखिमों के बारे में उचित प्रमाण मांगना खाद्य नियमों को अधिक व्यावहारिक और सुरक्षित बनाता है।

FSSAI ने हितधारकों को यह भी भरोसा दिया है कि जोखिम मूल्यांकन के लिए प्रस्तुत डेटा गोपनीय रखा जाएगा और इसका उपयोग केवल वैज्ञानिक मूल्यांकन और नीतिगत निर्णयों के लिए किया जाएगा।

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