लेह, 27 सितम्बर : जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद लेह में जनजीवन ठप्प हो गया है। बाज़ार बंद हैं, सड़कें सुनसान हैं और खाली सड़कों पर केवल अर्धसैनिक बल के जवान गश्त कर रहे हैं। लेह पुलिस ने कई जगहों पर चौकियाँ स्थापित की हैं और यात्रियों की आवाजाही पर कड़ी नज़र रख रही है। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को वांगचुक की हिरासत के बाद अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पिछले हफ़्ते पर्यटकों से भरे रहने वाले बाज़ार अब वीरान पड़े हैं, सड़कों पर बस कुछ ही विदेशी पर्यटक दिखाई दे रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगले दो दिन ‘महत्वपूर्ण’ हैं क्योंकि हाल ही में हुई हिंसा में मारे गए चार लोगों का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
लद्दाख प्रशासन ने शुक्रवार रात वांगचुक पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर उन्होंने “अपनी व्यक्तिगत और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठकर अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली होती, तो इस घटना को टाला जा सकता था”। वांगचुक को बुधवार दोपहर लेह में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद उनके गाँव से हिरासत में लिया गया था, जिसमें चार लोग मारे गए थे और लगभग 100 घायल हुए थे।
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